- April 16, 2023
‘अतीक के नाबालिग बेटों को छोड़ा जाए’, जानें असदुद्दीन ओवैसी ने क्यों की ऐसी मांग
Asaduddin Owaisi On Atiq Ahmed Murder: माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ अहमद (Ashraf Ahmad) की हत्या के बाद एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) का बड़ा बयान सामने आया है. उनका कहना है कि अतीक के दोनों नाबालिग बेटों को जुवेनाइल होम से छोड़ा जाए ताकि वह अपने पिता के जनाजे में शामिल हो सकें. इतना ही नहीं ओवैसी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक कमेटी बनाने की मांग भी की है. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए.
बता दें कि, अतीक अहमद के दो नाबालिग बेटे जिस बाल सुधार गृह में बंद हैं, वहां पर भी भारी बवाल की खबरें सामने आई थीं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अतीक के दोनों नाबालिग बेटे प्रयागराज के धूमनगंज स्थित किशोर बाल सुधार गृह में बंद हैं. इससे पहले मां शाइस्ता परवीन ने सीजेएम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि पुलिस ने उनके दोनों नाबालिग बेटों को हिरासत में रखा है, लेकिन पुलिस का कहना है कि दोनों बेटों को बाल सुधार गृह में रखा गया है.
यूपी सरकार पर बरसे ओवैसी
ओवैसी इस मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार कानून के मुताबिक नहीं, बल्कि बंदूक के दम पर चल रही है. हम लोग इसी बात को दोहरा रहे थे, लेकिन सबको लगता था कि हम हवाई बातें कर रहे हैं. इससे लोगों में संविधान में विश्वास कम होगा. उन्होंने कहा कि इस घटना की निंदा करने के लिए शब्द नहीं है.
‘शर्म से डूब मरो तुम लोग’
ओवैसी ने आगे कहा कि जिस समाज में हत्यारे हीरो होते हैं, उस समाज में कोर्ट और इंसाफ के सिस्टम का क्या काम? अतीक और उनके भाई पुलिस की हिरासत में थे. उन पर हथकड़ियां लगी हुई थीं. उन्होंने कहा कि आप गोली मारकर धार्मिक नारा क्यों लगा रहे हैं? इनको आतंकवादी नहीं कहेंगे तो देश भक्त कहेंगे? क्या यह (बीजेपी) फूल का हार पहनाएंगे? उन्होंने कहा कि जो लोग एनकाउंटर का जश्न मना रहे थे, शर्म से डूब मरो तुम लोग.
‘कानून को काम नहीं करने दिया जा रहा’
ओवेसी ने कहा कि 2017 से जब से बीजेपी की सरकार बनी यह सिलसिला चल रहा है. हम लगातार इस बात को दोहरा रहे थे. अफसोस इस बात का है कि आप लोगों को लग रहा था कि हम इसे अलग तौर पर रख रहे थे. हम आपके सामने आंकड़े रख रहे थे. देश में कानून, पब्लिक प्रॉसीक्यूटर को अपना काम करने नहीं दिया जा रहा है.
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