• February 5, 2024

चीन और पाकिस्तान के पास पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान, भारत सुखोई -75 में नहीं दिखा रहा दिलचस्पी

चीन और पाकिस्तान के पास पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान, भारत सुखोई -75 में नहीं दिखा रहा दिलचस्पी
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Defense Show 2024:  रूस ने सऊदी अरब में आयोजित वर्ल्‍ड डिफेंस शो 2024 में अपने सबसे खतरनाक फाइटर जेट सुखोई-75 चेकमेट का प्रदर्शन किया. इसके अलावा रूस ने आईएल-76 मालवाहक विमान और मिग-35 फाइटर जेट से भी दुनिया को रूबरू कराया. इस दौरान रूस जहां सुखोई-75 के लिए खाड़ी देशों को रिझाने में लगा है, वहीं भारत इस पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान से दूरी बनाकर रखा है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन युद्ध के बाद रूस लगातार अपने जखीरे में नए-नए हथियारों को शामिल कर रहा है. हालांकि, रूस को अब अपने हथियारों को बेचने में मुश्किल हो रही है, जबकि रूस दुनिया के प्रमुख हथियार निर्यातक देशों की सूची में शीर्ष पर है. सऊदी अरब में 4 से 8 फरवरी के बीच World Defense Show 2024 आयोजित किया गया है, इसमें रूस की कंपनी यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कार्पोरेशन भी पहुंची है. यह रूसी कंपनी सुखोई-75 चेकमेट और मिग 35 फाइटर जेट बनाती है.

Sukhoi Su-75 Checkmate की खासियत
एक रिपोर्ट के मुताबिक यूनाइटेड एयरक्राफ्ट के सीईओ यूरी स्‍लयूसर ने बताया कि म‍िडिल ईस्‍ट युद्धक सामग्री के लिए महत्‍वपूर्ण बाजार है. कई देशों ने रूस के हथियारों में रुचि दिखाई है. यूरी स्लयूसर ने कहा कि Sukhoi Su-75 Checkmate एक हल्‍का रणनीतिक व‍िमान है, जिसे साल 2021 में पहली बार पेश किया गया था. रूस ने दुबई एयर शो में भी साल 2021 में इस लड़ाकू विमान का प्रदर्शन किया था. रिपोर्ट के मुताबिक रूस का यह फाइटर जेट पांचवीं पीढ़ी का है और यह अपनी बनावट की वजह से रेडॉर की पकड़ में नहीं आता है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस अभी भी चेकमेट विमान में बदलाव कर रहा है. पुतिन सरकार इसे दुनियाभर में निर्यात के लिए तैयार कर रही है और रूस इस फाइटर जेट के लिए पैसे का प्रबंध करने में लगा है. बताया जाता है कि रूस ने भारत से इस फाइटर जेट के विकास के लिए मदद मांगी थी, लेकिन नई दिल्‍ली ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई. अब रूस का रक्षा उद्योग सबसे ज्‍यादा सऊदी अरब से उम्मीद लगा रहा है. रूस को उम्मीद है सऊदी अरब इनके जेट को भविष्य में खरीदेगा. 

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने पहले रूस के साथ इस जेट के विकास में सहयोग करने का फैसला किया था, लेकिन बाद में पीछे हट गया. दूसरी तरफ पाकिस्‍तान को चीन पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बेच रहा है, वहीं भारत इस मामले में अब भी पीछे चल रहा है. बताया जाता है कि सुखोई-75 जेट को अमेरिकी लड़ाकू विमान F-35 और चीनी लड़ाकू विमान FC-31 को टक्कर देने के लिए बनाया गया है. पाकिस्‍तान चीन से दोस्ती बढ़ाने के बाद पांचवी पीढ़ी के चीनी जेट FC-31 को खरीद रहा है.

आत्म निर्भर भारत मुख्य वजह
भारतीय वायु सेना के पूर्व अधिकारी एयर मार्शल अनिल खोसला ने एक बयान में कहा कि ‘कोई भी फैसला लेने से पहले फायदे-नुकसान का हिसाब लगाना जरूरी है. रूस को धन और साझेदार चाहिए, लेकिन इससे भारत को क्या फायदा होने वाला है यह समझना जरूरी है. वहीं एयर मार्शल ने यह भी कहा कि इस परियोजना में भागीदारी करने पर ‘आत्मनिर्भर भारत’ का लक्ष्य प्रभावित होगा. 

फाइटर जेट बनाने पर काम कर रहा भारत- रक्षा विशेषज्ञ
दूसरी तरफ साल 2019 में पूर्व एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने साफ शब्दों में कहा था कि “निकट भविष्य में विदेशी पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान” लेने की कोई योजना नहीं है. भारत खुद पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने पर काम कर रहा है. भारत का पांचवी पीढ़ी का लड़ाकू विमान “AMCA” होगा.

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