- May 16, 2024
आज से कम हुआ कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स, एक झटके में इतनी बड़ी कटौती
<p>सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित होने वाले कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को कम कर दिया है. विंडफॉल टैक्स में कई महीने से की जा रही बढ़ोतरी के बाद यह विंडफॉल टैक्स में लगातार दूसरी कटौती है. इस फैसले की जानकारी बुधवार देर शाम को दी गई.</p>
<h3>इतना कम हुआ विंडफॉल टैक्स</h3>
<p>सीबीआईसी यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडाइरेक्ट टैक्सेज ने बुधवार देर शाम एक बयान में बताया कि घरेलू स्तर पर उत्पादित हो रहे कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को कम कर दिया गया है. इस कटौती के बाद अब डोमेस्टिक क्रूड ऑयल पर 5,700 रुपये प्रति टन की दर से विंडफॉल टैक्स लगेगा. इससे पहले विंडफॉल टैक्स 8,400 रुपये प्रति टन की दर से लग रहा था.</p>
<h3>आज से लागू हो गया फैसला</h3>
<p>सीबीआईसी ने बयान में कहा कि कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स की नई दरें 16 मई से प्रभावी हो जाएंगी. इसका मतलब हुआ कि कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को कम करने का लिया गया यह फैसला आज से लागू हो चुका है.</p>
<h3>डीजल-पेट्रोल-एटीएफ पर छूट बरकरार</h3>
<p>वहीं दूसरी ओर सरकार ने डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन यानी एटीएफ पर एक्सपोर्ट ड्यूटी को शून्य पर बनाए रखने का फैसला लिया है. यानी घरेलू रिफाइनरों को डीजल, पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर मिल रही छूट आगे भी बरकरार रहने वाली है. इससे उन घरेलू कंपनियों को फायदा होता रहेगा, जो रिफाइनरी चलाती हैं और डीजल-पेट्रोल व एटीएफ जैसे रिफाइंड प्रोडक्ट को देश के बाहर के बाजारों में बेचती हैं.</p>
<h3>1 मई को हुई थी इतनी कटौती</h3>
<p>इससे पहले 1 मई को भी सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को कम करने का फैसला लिया था. उस समीक्षा में विंडफॉल टैक्स को 9,600 रुपये प्रति टन से घटाकर 8,400 रुपये प्रति टन कर दिया गया था. उससे पहले विंडफॉल टैक्स को लगातार बढ़ाया जा रहा था. एक महीने पहले 16 अप्रैल की समीक्षा में विंडफॉल टैक्स को 6,800 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 9,600 रुपये प्रति टन कर दिया गया था, जबकि इस वित्त वर्ष की पहली समीक्षा में इसे 4,900 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 6,800 रुपये प्रति टन कर दिया गया था.</p>
<h3>हर पखवाड़े में की जाती है समीक्षा</h3>
<p>डोमेस्टिकली प्रोड्यूस्ड कच्चे तेल पर भारत में सबसे पहली बार जुलाई 2022 में विंडफॉल टैक्स लगाया गया था. इसी तरह डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन के निर्यात पर भी ड्यूटी लगाई गई थी. कई प्राइवेट रिफाइनर कंपनियां ज्यादा मार्जिन कमाने के लिए डीजल, पेट्रोल और एटीएफ की घरेलू बाजार में बिक्री न कर उनका निर्यात कर रही थीं. विंडफॉल टैक्स भी निर्यात पर लगने वाला एक तरह का टैक्स है. सरकार हर पखवाड़े में इसकी समीक्षा करती है और अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से इसे घटाने या बढ़ाने का फैसला करती है.</p>
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