- March 18, 2025
इनकम टैक्स कलेक्शन से भर रहा सरकार का खजाना, 21.26 लाख करोड़ रही प्रत्यक्ष कर वसूली

Direct Tax Collection: मौजूदा चालू वित्त वर्ष में टैक्स कलेक्शन के जरिए सरकार का खजाना लगातार भरता जा रहा है और इसमें कॉरपोरेट टैक्स से ज्यादा गैर-कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन का रहा है जो टैक्स विभाग टैक्सपेयर्स से वसूलती है. वित्त वर्ष 2024-26 में 16 मार्च तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 13.13 फीसदी के उछाल के साथ 21.26 लाख करोड़ रुपये रहा है.
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन को लेकर जारी डेटा के मुताबिक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में उछाल में एडवांस टैक्स में बढ़ोतरी को क्रेडिट जाता है. चालू वर्ष के दौरान, सरकार ने एडवांस टैक्स की चार किस्तों से 14.62 प्रतिशत वृद्धि के साथ 10.44 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 9.11 लाख करोड़ रुपये रहा था. चालू वित्त वर्ष के लिए अग्रिम कर भुगतान की अंतिम किस्त 15 मार्च, 2025 को था. कॉरपोरेट टैक्स कैटगरी के तहत एडवांस टैक्स कलेक्शन 12.54 फीसदी के ग्रोथ के साथ बढ़कर 7.57 लाख करोड़ रुपये हो गया है जबकि गैर-कॉरपोरेट कैटगरी में एडवांस टैक्स कलेक्शन 20.47 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 208 के अनुसार, जिस व्यक्ति की अनुमानित कर देय 10,000 रुपये से अधिक होने की संभावना है (स्रोत पर कर कटौती और संग्रह – टीडीएस और टीसीएस पर विचार करने के बाद) उसे उस वर्ष एडवांस टैक्स का भुगतान करना आवश्यक है और इसमें वेतनभोगी करदाता भी शामिल हैं. एडवांस टैक्स का भुगतान चार किस्तों- वित्त वर्ष के दौरान 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च तक किया जाता है.
सीबीडीटी ने टैक्स कलेक्शन के जो डेटा जारी किया है उसके मुताबिक, नॉन-कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन जिसमें मुख्य रूप से इनकम टैक्स शामिल है सालाना आधार पर 17 फीसदी बढ़कर लगभग 11.01 लाख करोड़ रुपये हो गया है. जबकि एक अप्रैल, 2024 और 16 मार्च, 2025 के बीच कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन केवल 7 फीसदी ग्रोथ के साथ 9.69 लाख करोड़ रुपये रहा है.
शेयर बाजार में भारी गिरावट के बावजूद शेयरों के बेच-खरीद पर लगने वाले सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स कलेक्शन करीब 56 फीसदी के उछाल के साथ 53,095 करोड़ रुपये रहा है जबकि बीते वित्त वर्ष में समान अवधि में 34131 करोड़ रुपये का कलेक्शन देखने को मिला था. इस अवधि के दौरान 4.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक के रिफंड जारी किए गए, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 3.47 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए थे. वित्त वर्ष 2024-25 में संशोधित अनुमानों में सरकार ने आयकर संग्रह 12.57 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जो बजट अनुमान 11.87 लाख करोड़ रुपये से अधिक है.
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