• October 21, 2025

दिवाली के बाद गिरा सोने का भाव, क्या ये खरीदने का सही मौका? जानें 21 अक्टूबर को आपके शहर का रेट

दिवाली के बाद गिरा सोने का भाव, क्या ये खरीदने का सही मौका? जानें 21 अक्टूबर को आपके शहर का रेट
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Gold Rate after Diwali: दिवाली के अगले दिन यानी मंगलवार को सोने की कीमतों में गिरावट आई है. त्योहारी सीजन और दिवाले हफ्ते में आज यानी 21 अक्टूबर को 24 कैरेट सोना देश में प्रति 10 ग्राम 1,32,770 रुपये की दर से बिक रहा है. जबकि 22 कैरेट सोना 1,21,700 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा है. हालांकि, इसमें जीएसटी और मेकिंग चार्ज को शामिल नहीं किया गया है. जबकि दूसरी तरफ चांदी 1,70,000 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रही है.

आपके शहर का ताजा भाव-

आर्थिक राजधानी मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद और पुणे में जहां 24 कैरेट सोना का भाव 1,32,770 रुपये है जबकि 22 कैरेट सोना इन शहरों में 1,21,700 रुपये और 18 कैरेट सोना 99,580 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से बिक कर रहा है. 

वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और जयपुर में 24 कैरेट सोना 1,32,920 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से बिक रहा है. जबकि इन जगहों पर 22 कैरेट सोना 1,21,850 रुपये और 18 कैरेट सोना 99,730 रुपये प्रति 10 ग्राम पर उपलब्ध है.

क्यों चढ़ रहा सोना का भाव?

दरअसल, पिछले कुछ दिनों से सोने की कीमत में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. इसके रेट बढ़ने के पीछे यूएस फेड की तरफ से इस साल संभावित ब्याज दरों में कटौती के साथ ही निवेशकों के लिए सबसे सुरक्षित निवेश समझा जा रहा है.

सोना और चांदी के दाम रोज़ाना बदलते हैं और इसके पीछे कई आर्थिक, वैश्विक और स्थानीय कारक जिम्मेदार होते हैं. इनकी कीमतें केवल धातु के मूल्य पर नहीं, बल्कि मुद्रा विनिमय दर, टैक्स और निवेशकों की भावनाओं पर भी निर्भर करती हैं. आइए जानते हैं प्रमुख कारण—

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और चांदी की कीमतें अमेरिकी डॉलर में तय होती हैं. इसलिए डॉलर-रुपया विनिमय दर में किसी भी तरह का बदलाव भारत में सोने के भाव को सीधे प्रभावित करता है. जब डॉलर मजबूत होता है या रुपया कमजोर पड़ता है, तो भारतीय बाजार में सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं. भारत में सोने का अधिकांश हिस्सा आयात किया जाता है. ऐसे में इंपोर्ट ड्यूटी (सीमा शुल्क), जीएसटी (GST) और अन्य स्थानीय कर सीधे इसकी कीमत को प्रभावित करते हैं. सरकार द्वारा टैक्स बढ़ाने या घटाने पर सोने के खुदरा दाम भी उसी के अनुसार बदलते हैं.

वैश्विक स्तर पर किसी भी तरह की आर्थिक या राजनीतिक उथल-पुथल, जैसे युद्ध, मंदी, या ब्याज दरों में परिवर्तन, सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव लाते हैं. जब बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है, तो निवेशक शेयर बाजार जैसी अस्थिर संपत्तियों से हटकर सोने जैसे सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख करते हैं, जिससे इसकी मांग और कीमत दोनों बढ़ती हैं.

भारत में सोना केवल निवेश नहीं बल्कि परंपरा और सांस्कृतिक मान्यताओं से भी जुड़ा है. शादी-ब्याह, त्योहार और शुभ अवसरों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. ऐसे समय पर मांग बढ़ने से स्वाभाविक रूप से कीमतों में उछाल आता है.

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