- October 21, 2025
नहीं मिलेंगे ट्रंप-पुतिन, हंगरी में होने वाला शिखर सम्मेलन स्थगित, क्रेमलिन ने कहा- अभी बहुत तै

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाला शिखर सम्मेलन स्थगित कर दिया गया है. एक अमेरिकी अधिकारी ने मंगलवार (21 अक्टूबर 2025) को बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप और पुतिन के बीच बैठक की कोई योजना नहीं है. यह घोषणा अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच हुई बातचीत के एक दिन बाद हुई.
बहुत तैयारी की जरूरत है अभी: क्रेमलिन
न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बुडापेस्ट में ट्रंप और पुतिन यूक्रेन में चल रहे जंग पर चर्चा करने के लिए मिलने वाले थे. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच बैठक की कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए क्योंकि अभी बहुत तैयारी की जरूरत है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सितंबर में अपने इस रुख से पलटते हुए कहा था कि यूक्रेन को अपना क्षेत्र छोड़ना होगा. हालांकि उन्होंने ये भी सुझाव दिया था कि यूक्रेन रूस से हारी हुई जमीन वापस जीत सकता है. हालांकि, पिछले हफ्ते पुतिन के साथ फोन पर बातचीत कर और उसके बाद शुक्रवार (17 अक्टूबर 2025) को जेलेंस्की के साथ बैठक के बाद ट्रंप ने एक बार फिर अपना रुख बदला और दोनों देशों से तुरंत युद्ध रोकने का आह्वान किया.
‘मांगों को लेकर चरमपंथी रुख अपना रहा मॉस्को’
ट्रंप और पुतिन के बीच 16 अक्टूबर 2025 को फोन पर बात हुई थी. इसके बाद दोनों नेता बुडापोस्ट में मिलने पर राजी हुए थे. ट्रंप और पुतिन की पिछली मुलाकात अगस्त 2025 में अलास्का में हुई थी. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच प्रस्तावित तैयारी सत्र को फिलहाल टाल दिया गया है, क्योंकि अमेरिका को चिंता है कि मॉस्को अपनी मांगों को लेकर चरमपंथी रुख अपना रहा है.
नहीं बदला है रूस का रुख: लावरोव
लावरोव ने सीएनएन के इस बयान को खारिज करते हुए कहा कि अगस्त में अलास्का शिखर सम्मेलन के बाद से रूस का रुख नहीं बदला है. लावरोव ने बताया कि उन्होंने सोमवार (20 अक्टूबर 2025) को मार्को रुबियो के साथ फोन पर बातचीत में भी यही बातें कही थी. व्हाइट हाउस ने उस बातचीत को सकारात्मक बताया, लेकिन कहा कि दोनों विदेश मंत्री इस हफ्ते आमने-सामने नहीं मिलेंगे. रूस इस बात पर जोर देता है कि किसी भी स्थायी समझौते के लिए जंग के मूल कारणों से निपटना जरूरी है.
ये भी पढ़ें : गाजा में भारी तबाही, इजरायल ने बरसाए 153 टन बम, नेतन्याहू की चेतावनी- पूरा नहीं हुआ सैन्य अभियान