• December 26, 2025

मोहम्मद यूनुस की वो गलती, जिसने बांग्लादेश को हिंसा की आग में झोंक डाला, जानें पाक कनेक्शन

मोहम्मद यूनुस की वो गलती, जिसने बांग्लादेश को हिंसा की आग में झोंक डाला, जानें पाक कनेक्शन
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बांग्लादेश आज कट्टरपंथी देश बन गया है. मोहम्मद यूनुस की एक गलती की सजा पूरा मुल्क भुगत रहा है. अंतरिम सरकार के मुखिया के एक फैसले के कारण ही आज वहां हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं. हालांकि हिंदुओं की हत्या के साथ ही बांग्लादेश में छात्र नेता उस्मान हादी की भी हत्या की गई.

शेख हसीना के पद छोड़ते ही मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में एक ऐसा फैसला लिया, जिसने पूरे देश को कट्टरपंथ की आग में झोंक दिया और वो फैसला था जमात-ए-इस्लामी पर लगा प्रतिबंध हटाना. जमात-ए-इस्लामी एक कट्टरपंथी संगठन है, जो कि खुलेआम खिलाफत की वकालत करता है. इसका पाकिस्तान प्रेम समय-समय पर झलका है. 

जमात-ए-इस्लामी को खुली छूट
यूनुस के इसी फैसले ने इस कट्टरपंथी संगठन को खुली छूट दे दी, जिसका नतीजा आज बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों के रूप में दिखाई दे रहा है. पिछले साल 8 अगस्त को यूनुस ने जमात-ए-इस्लामी नाम के संगठन पर लगा बैन हटा दिया था. ये कट्टरपंथी संगठन हिंदुओं से नफरत करता है. शेख हसीना सरकार ने 1 अगस्त 2024 को जमात-ए-इस्लामी और उसके छात्र ग्रुप इस्लामी छत्र शिबिर पर रोक लगाई थी. इसकी वजह थी छात्र कोटा के खिलाफ प्रदर्शनों में हुई हिंसा, जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की जान गई थी. शेख हसीना ने इसे आतंकवाद रोकने वाले कानून के तहत बैन किया था. 

1971 वॉर में जमात ने मचाया था कत्लेआम
दरअसल जमात-ए-इस्लामी की शुरुआत 1941 में हुई थी. ये संगठन पूरी तरह पाकिस्तान परस्त है और आईएसआई के इशारों पर काम करता है. इसकी झलक पूरी दुनिया 1971 के युद्ध में देख चुकी है. जब बांग्लादेश की आजादी के युद्ध में जमात-ए-इस्लामी ने पाकिस्तानी सेना का साथ दिया था और लाखों लोगों की हत्या में उसका हाथ था. 2013 में बांग्लादेश की कोर्ट ने इसे चुनाव लड़ने से रोक दिया था, क्योंकि इसका नियम संविधान के खिलाफ था.

शरिया से बांग्लादेश को चलाना चाहती है जमात 
5 अगस्त 2024 को शेख हसीना ने इस्तीफा दिया और भारत चली आईं. इसके बाद यूनुस सरकार ने कहा कि जमात की कोई आतंकी गतिविधि नहीं है और शेख हसीना सरकार का आरोप गलत था. जमात एक कट्टर इस्लामी संगठन है, जो बांग्लादेश को शरिया कानून वाला देश बनाना चाहता है. इसका छात्र ग्रुप शिबिर बहुत हिंसक है, जो दुश्मनों की हत्या करता है और धार्मिक झगड़े भड़काता है. इसके अलावा ये संगठन हिंदुओं से नफरत करता है और दूसरे कट्टर ग्रुपों से जुड़ा है. साल 2013 में युद्ध अपराध के फैसले के बाद इसके लोगों ने 50 से ज्यादा हिंदू मंदिर तोड़े और 1,500 से ज्यादा हिंदू घरों और दुकानों में आग लगाई.

2024 की हिंसा में 4 से 20 अगस्त तक 2,010 हमले हुए. 1,705 परिवार प्रभावित हुए और 152 मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया. हिंदुओं की हत्याओं में जमात का कट्टरवाद साफ दिखता है. 

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