- January 23, 2024
पीएचडी छात्रों की मदद करेगा अडानी ग्रुप, प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद किया ऐलान
Adani Group: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा शानदार समारोह में सोमवार को हुई. इस दौरान देशभर के कई गणमान्य लोग कार्यक्रम में शामिल हुए. अडानी ग्रुप (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. राम मंदिर समारोह के बाद गौतम अडानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घोषणा की कि अडानी ग्रुप इंडोलॉजी (Indology) में 14 छात्रों की पीएचडी को प्रायोजित करेगी. इंडोलॉजी भारतीय संस्कृति, भाषाओं और साहित्य का अध्ययन है.
भारत की संस्कृति और परंपराएं विश्व को उज्ज्वलित करने की क्षमता रखती हैं। ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के सिद्धांत पर चलते हुए, भारतीय संस्कृति, भाषाओं, और साहित्य के अध्ययन यानी ‘इंडोलॉजी’ को बढ़ावा देना जरूरी है। इसी उद्देश्य से, अदाणी समूह ने अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ… pic.twitter.com/2dgBXWTShk
— Gautam Adani (@gautam_adani) January 22, 2024
इंडोलॉजी के अध्ययन को बढ़ावा देना आवश्यक
अडानी ने अपने ट्वीट में लिखा कि भारत की संस्कृति और परंपराओं में दुनिया को रोशन करने की क्षमता है. ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के सिद्धांत का पालन करते हुए भारतीय संस्कृति, भाषाओं और साहित्य यानी ‘इंडोलॉजी’ के अध्ययन को बढ़ावा देना आवश्यक है. अरबपति कारोबारी ने आगे लिखा कि इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए अडानी ग्रुप ने अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर 14 छात्रों को इंडोलॉजी में पीएचडी करने के लिए स्पॉन्सर करने का फैसला किया है. इससे भारत की सॉफ्ट पावर और इंडोलॉजी को वैश्विक पहचान मिलेगी. अडानी उन कारोबारी नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें सोमवार को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को कल विधिवत पूरा किया है.
एक दिन पहले भी गौतम अडानी ने किया था ट्वीट
गौतम अडानी ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन भी अपने ट्वीट के जरिए अयोध्या नगरी और राम मंदिर को देश-विदेश के लिए ज्ञान और शांति का प्रवेश द्वार बनाने का आह्वान किया था. गौतम अडानी ने लिखा कि- “आज इस पावन अवसर पर जब अयोध्या के राम मंदिर के पट खुलेंगे, इसे ज्ञान और शांति का प्रवेश द्वार बनने दें, जो समुदायों को भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक सद्भाव के शाश्वत धागों से बांधे…”
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