• July 25, 2024

डराता है NASA के ये वीडियो! भारत के साथ पूरी दुनिया पर मंडरा रहे कार्बन डाईऑक्साइड के बादल

डराता है NASA के ये वीडियो! भारत के साथ पूरी दुनिया पर मंडरा रहे कार्बन डाईऑक्साइड के बादल
Share

CO2 Rising: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) ने एक नक्शा पेश किया है, जिसमें उसने दावा किया है कि दुनियाभर के ऊपर कार्बन डाईऑक्साइड के कातिल बादल मंडराते नजर आ रहे हैं. ये नक्शा बनाने के लिए नासा ने जनवरी से मार्च 2020 का डेटा इकट्ठा किया है. इन नक्शों के माध्यम से जूम करके देखा जा सकता है कि बिजली के प्लांटों, आग और शहरों में कितना कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन बढ़ गया है, जो महाद्वीपों और महासागरों में तेजी से फैल रहा है. 

इस बीच नासा के गोडार्ड स्पेस फ़्लाइट सेंटर में जलवायु वैज्ञानिक लेस्ली ओट ने कहा, “नीति निर्माताओं और वैज्ञानिकों के तौर पर, हम ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि कार्बन कहां से आता है और यह ग्रह को कैसे प्रभावित करता है. आप यहां देख सकते हैं कि कैसे सब कुछ इन अलग-अलग मौसम पैटर्न से जुड़ा हुआ है.”

जंगल की कटाई से तेजी से फैल रहा CO2

जलवायु वैज्ञानिक लेस्ली ओट ने आगे बताया कि चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण एशिया में, ज्यादातर उत्सर्जन बिजली के पावर प्लांटों, औद्योगिक सुविधाओं और कारों और ट्रकों से हुआ है. अगर बात करें अफ्रीका और साउथ अमेरिका में तो ज्यादातर कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन जंगल की आग से फैल रहा है. इसकी वजह जमीन का प्रबंधन है. नियंत्रित कृषि के तरीके और जंगल का कटाव है. इसके अलावा यहां पर तेल और कोयले के जलने से भी कार्बन डाईऑक्साइड निकल रहा है. 

जितना ज्यादा निकलेगा CO2 उतनी तेजी से बदलेगा मौसम 

हालांकि, ये नक्शा नासा के वैज्ञानिक विज़ुअलाइज़ेशन स्टूडियो का इस्तेमाल किया है. इसके लिए वैज्ञानिकों ने गोडार्ड अर्थ ऑब्जर्विंग सिस्टम (GEOS) की मदद ली थी. इसका रिज़ॉल्यूशन एक सामान्य मौसम मॉडल से 100 गुना ज्यादा होता है. ऐसे में जलवायु वैज्ञानिक लेस्ली ओट और अन्य जलवायु वैज्ञानिक यह जानना चाहते थे कि क्या ज्यादा कार्बन डाईऑक्साइड निकलेगा तो धरती का मौसम बदलेगा?

हर साल तेजी से बढ़ रही है गर्मी, वजह है CO2

इस दौरान नासा के वैज्ञानिकों ने बताया कि साल 2023 दुनिया का सबसे गर्म साल रहा था. मगर, अब तो ये साल भी गर्म निकल रहा है. ऐसे में कई जगहों पर इस गर्मी का मुख्य कारण कार्बन डाईऑक्साइड का ज्यादा उत्सर्जन होना है. औद्योगिक युग की शुरुआत में 1750 में लगभग 278 भाग प्रति मिलियन से बढ़कर मई 2024 में 427 भाग प्रति मिलियन हो गई है.

यह भी पढ़ें: 8 साल पहले रोड एक्सिडेंट में हुई थी शख्स की मौत, अब परिवार को मिलेगा 2 करोड़ का मुआवजा




Source


Share

Related post

बोइंग का ‘स्टारलाइनर’ यान बिना अंतरिक्ष यात्रियों के धरती पर लौटा, न्यू मैक्सिको में उतरा

बोइंग का ‘स्टारलाइनर’ यान बिना अंतरिक्ष यात्रियों के…

Share Sunita Williams News: नासा एस्ट्रोनॉट्स सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरिक्ष में ले जाना वाला स्पेसक्राफ्ट…
New Hampshire patient dies from rare mosquito-borne disease – Times of India

New Hampshire patient dies from rare mosquito-borne disease…

Share A person in Hampstead, New Hampshire, has died after contracting the rare mosquito-borne Eastern Equine Encephalitis (EEE)…
‘Deaths from lightning up 87% in recent years’ | India News – Times of India

‘Deaths from lightning up 87% in recent years’…

Share HYDERABAD: There has been an alarming spike in deaths due to lightning strikes across country between 2010…