• November 27, 2024

कांग्रेस ने मांगी ‘फ्रंट-रो’ सीटें, राहुल गांधी समेत इन नेताओं को मिल सकती है प्रमुख जगह!

कांग्रेस ने मांगी ‘फ्रंट-रो’ सीटें, राहुल गांधी समेत इन नेताओं को मिल सकती है प्रमुख जगह!
Share

कांग्रेस ने अपने चार सांसदों के लिए लोकसभा में फ्रंट-रो सीटों की मांग की है. ये नेता विपक्ष के नेता राहुल गांधी, अलाप्पुझा सांसद केसी वेणुगोपाल, जोरहाट सांसद गौरव गोगोई और मवेलीकरा सांसद कोडिकुनिल सुरेश हैं. ये जानकारी हिंदुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से दी है.

कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के दफ्तर से यह गुजारिश की है.  विपक्ष के नेता के रूप में रायबरेली सांसद राहुल गांधी को लोकसभा में एक निर्धारित फ्रंट-रो सीट मिलनी चाहिए, जो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सीट के ठीक सामने होगी. कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन और लोकसभा में 99 सांसदों के साथ पार्टी को तीन और फ्रंट-रो सीटें मिल सकती हैं.

सभी दलों ने सीटों के लिए अपनी सूची भेजी

लोकसभा में भाजपा और कांग्रेस के बाद समाजवादी पार्टी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. वह अपनी पार्टी अध्यक्ष और संसदीय नेता अखिलेश यादव और फैज़ाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के लिए दो फ्रंट-रो सीटों की मांग कर सकती है. वहीं, DMK के वरिष्ठतम सांसद टीआर बालू को भी एक फ्रंट-रो सीट मिल सकती है.

हिंदुस्तान टाइम्स ने एक अधिकारी के हवाले से बताया, “ज्यादातर पार्टियों ने अपनी पसंदीदा सीटों की सूची भेज दी है. लोकसभा अध्यक्ष सभी सांसदों को सीटों के विभाजन संख्या का आवंटन करेंगे.” लोकसभा में फ्रंट-रो सीटें खास मानी जाती हैं और आम तौर पर वरिष्ठ सांसदों और फ्लोर नेताओं को दी जाती हैं.

लोकसभा में फ्रंट रो सीट की अहमियत क्यों?लोकसभा में फ्रंट-रो सीटों की अहमियत कई कारणों से होती है. इन सीटों पर बैठने वाले सांसदों को सम्मान और प्रमुखता मिलती है, क्योंकि ये सीटें वरिष्ठ और प्रभावशाली नेताओं के लिए आरक्षित होती हैं. विपक्ष के नेता और सरकार के वरिष्ठ मंत्री, जैसे प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री, आमतौर पर फ्रंट-रो सीटों पर बैठते हैं. इन सीटों का राजनीतिक प्रतीकात्मक महत्व भी होता है, जिससे सांसद को अपनी भूमिका और स्थिति को सशक्त बनाने का अवसर मिलता है.


फ्रंट-रो सीटों पर बैठने से सांसदों को सदन की बहसों में सक्रिय रूप से भाग लेने और अपनी बातों को प्रभावी तरीके से रखने का मौका मिलता है. यहां बैठने वाले नेता बेहतर दृश्य और सुनने की सुविधा का लाभ उठाते हैं, जिससे वे चर्चाओं में तेजी से प्रतिक्रिया दे सकते हैं और विपक्ष पर दबाव बना सकते हैं. इसके साथ ही, इन सीटों पर बैठने से सांसदों को जनता और मीडिया का ध्यान भी आकर्षित होता है, जो उनके राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाता है. कुल मिलाकर, लोकसभा में फ्रंट-रो सीटें न केवल शारीरिक दृष्टि से बल्कि राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अहम मानी जाती हैं.

ये भी पढ़ें:

तेलंगाना के BJP विधायकों-सांसदों से पीएम मोदी की मुलाकात, कह दिया कुछ ऐसा जिससे बढ़ जाएगी कांग्रेस की टेंशन



Source


Share

Related post

Partition Not Supported By Ordinary Muslims But Congress-Backed Radicals; Appeasement At Core Of Waqf Debate: PM Modi – News18

Partition Not Supported By Ordinary Muslims But Congress-Backed…

Share Last Updated:April 09, 2025, 00:43 IST The Prime Minister’s speech at CNN-News18’s Rising Bharat Summit 2025, delivered…
जवानों की शहादत का जिक्र कर राहुल गांधी बोले- ‘भारत की जमीन कब्जा, लेकिन विदेश सचिव चीनी राजदूत

जवानों की शहादत का जिक्र कर राहुल गांधी…

Share वरिष्ठ कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने विदेशी संबंधों को लेकर मोदी…
Waqf Bill Clears Lok Sabha With 288 Votes In Favour, 232 Against

Waqf Bill Clears Lok Sabha With 288 Votes…

Share New Delhi: The Waqf Amendment Bill sailed through the Lok Sabha early on Thursday after a marathon…