• December 5, 2023

बेटी को मौत की सजा से बचाने को मां की यमन जाने की मांग, HC ने केंद्र से पूछा- अनुमत‍ि देंगे?  

बेटी को मौत की सजा से बचाने को मां की यमन जाने की मांग, HC ने केंद्र से पूछा- अनुमत‍ि देंगे?  
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Delhi High Court on Nimisha Priya Mother Plea: दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार (4 दिसंबर) को केंद्र से पूछा कि क्या वह केरल की उस महिला की मां को तीन अन्य लोगों के साथ यमन जाने की अनुमति देने को तैयार है, जिसे वहां स्थानीय नागरिक की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई गयी है. सजायाफ्ता युवती की मां, बेटी को मौत की सजा से बचाने के लिए ‘ब्लड मनी’ लेकर पीड़ित परिवार से बातचीत करने के लिए यमना जाना चाहती है. 

केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद को सूचित किया कि भारत के यमन के साथ राजनयिक संबंध नहीं हैं और उसने वहां अपना दूतावास बंद कर दिया है. अधिवक्ता ने कहा कि मां के लिए यह उचित नहीं होगा कि वह वर्तमान में संघर्ष से जूझ रहे देश का दौरा करें. 

केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा, ”पश्चिम एशिया में स्थिति ठीक नहीं है. इस अवस्था में यमन की यात्रा करना उचित नहीं है. अगर वहां याचिकाकर्ता (मां) को कुछ हुआ तो भारत मदद नहीं कर पाएगा. हम नहीं चाहते कि वहां फिरौती मांगने की स्थिति पैदा हो. ” 

पासपोर्ट वापस पाने को द‍िया था बेहोशी का इंजेक्शन  
यमन के सु्प्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर को पश्चिम एशियाई देश में नर्स के रूप में काम करने वाली निमिषा प्रिया की सजा के खिलाफ दाखिल अपील खारिज कर दी थी. प्रिया को तलाल अब्दो महदी नामक व्यक्ति की हत्या का दोषी ठहराया गया है, जिसकी जुलाई 2017 में मृत्यु हो गई थी. आरोप है कि प्रिया ने महदी के कब्जे से अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए उसे शामक (बेहोशी का) इंजेक्शन दे दिया था. 

आरोप है कि प्रिया ने उसे बेहोशी का इंजेक्शन दिया ताकि उसके बेहोश होने पर अपना पासपोर्ट वापस ले सके, लेकिन अधिक मात्रा के कारण उसकी मृत्यु हो गई.  

पीड़‍ित के पर‍िजनों को द‍िया जाने वाला मुआवजा ‘ब्‍लड मनी’
 प्रिया की मां ने भारतीय नागरिकों के लिए यमन जाने पर रोक के बावजूद वहां जाने और अपनी बेटी को बचाने के लिए ‘ब्लड मनी’ पर बातचीत करने की अनुमति मांगने के लिए इस साल की शुरुआत में हाई कोर्ट का रुख किया था. ‘ब्लड मनी’ से तात्पर्य अपराधियों या उनके परिजनों की ओर से हत्या के शिकार व्यक्ति के परिवार को दिए जाने वाले मुआवजे से है. 

याचिकाकर्ता का पक्ष रख रहे वकील सुभाष चंद्रन के आर ने कहा कि वर्तमान में भारत में व्यवसाय चलाने वाले कुछ भारतीयों को यमन की यात्रा करने की अनुमति दी जा रही है. 

‘कुछ पर‍िच‍ित भारतीयों के पास यमन का वैध वीजा’ 
उन्होंने कहा कि वे कुछ भारतीयों को जानते हैं जिनके पास यमन का वैध वीजा है और वह महिला के साथ जाने और पीड़ित परिवार के साथ ‘ब्लड मनी’ पर बातचीत करने के इच्छुक हैं. 

‘याचिकाकर्ता के वकील कल तक दाख‍िल करें हलफनामा’  
हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से कल तक एक हलफनामा दाखिल करने को कहा, जिसमें महिला के साथ यमन की यात्रा करने के इच्छुक लोगों का विवरण हो. अदालत ने मामले की सुनवाई 11 दिसंबर तक के लिए सूचीबद्ध की है. 

यह भी पढ़ें: यमन में बेटी पर लटकी फांसी की ‘तलवार’, खाड़ी मुल्क जाने को मां तैयार, विदेश मंत्रालय ने दी ये सलाह



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