- April 28, 2025
इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ. के. कस्तूरीरंगन के अंतिम संस्कार में शामिल हुए धर्मेंद्र प्रधान

Dharmendra Pradhan: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान रविवार (27 अप्रैल, 2025) को बेंगलुरु के रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट में डॉ. के. क्स्तूरीरंगन के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. इसरो के पूर्व चेयरमैन कस्तूरीरंगन का बीते शुक्रवार (25 अप्रैल, 2025) को 84 साल की उम्र में निधन हो गया था. वो कुछ दिनों से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे.
डॉ. कस्तूरीरंगन को श्रद्धांजलि देते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट, बेंगलुरु में डॉ. के. कस्तूरीरंगन जी के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित की. वैज्ञानिक और शैक्षणिक समुदाय के सबसे चमकते सितारों में से एक, कस्तूरीरंगन जी अपने पीछे एक अद्वितीय विरासत छोड़ गए हैं. उनकी आत्मा को सद्गति प्राप्त हो. ईश्वर से प्रार्थना है कि वे शोक संतप्त परिवार को सांत्वना प्रदान करें.”
पीएम मोदी ने दी थी नई शिक्षा नीति बनाने की जिम्मेदारी
उन्होंने आगे कहा, “डॉ. कस्तूरीरंगन हमारे देश के अनमोल रत्न थे. कई नए मूल्य और ऊंचाइयां स्थापित कीं. विज्ञान,शिक्षा,सामाजिक जीवन में कई नए मूल्य स्थापित किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें नई शिक्षा नीति बनाने की जिम्मेदारी दी थी. नई शिक्षा नीति बनाने का उन्होंने बखूबी नेतृत्व किया.”
कौन थे डॉ. कस्तूरीरंगन?
डॉ. कस्तूरीरंगन भारतीय विज्ञान और शिक्षा नीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे. एक महत्वपूर्ण चरण के दौरान भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का नेतृत्व करने के अलावा, उन्होंने देश के शैक्षिक ढांचे को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का मसौदा तैयार करने वाली समिति की अध्यक्षता की, जिसने भारत के शैक्षणिक परिदृश्य में सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया. वर्षों से, उन्होंने कई प्रतिष्ठित पदों पर कार्य किया, जिसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलाधिपति, कर्नाटक ज्ञान आयोग के अध्यक्ष और 2004 से 2009 के बीच बेंगलुरु में राष्ट्रीय उन्नत अध्ययन संस्थान (एनआईएएस) के निदेशक के तौर पर किए गए काम शामिल हैं.
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