• September 3, 2025

‘भारत हमें टैरिफ से मारता है…’, नरम पड़े ट्रंप के तेवर; ‘जीरो टैरिफ’ वाला ऑफर भी दोहराया

‘भारत हमें टैरिफ से मारता है…’,  नरम पड़े ट्रंप के तेवर; ‘जीरो टैरिफ’ वाला ऑफर भी दोहराया
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India-US Tariff Row: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत पर व्यापार को लेकर निशाना साधा है. स्कॉट जेनिंग्स रेडियो शो में बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा कि भारत ने उनसे सभी टैरिफ खत्म करने की पेशकश की थी, लेकिन यह केवल उनके टैरिफ लगाने के बाद ही संभव हुआ. उन्होंने दावा किया कि अगर उन्होंने यह कदम न उठाया होता भारत कभी भी ऐसा प्रस्ताव नहीं देता.

ट्रंप ने भारत को दुनिया का सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाला देश करार दिया. उन्होंने कहा, ‘चीन हमें टैरिफ से मारता है, भारत हमें टैरिफ से मारता है, ब्राजील हमें टैरिफ से मारता है. मैंने टैरिफ को किसी भी इंसान से बेहतर समझा है.’ ट्रंप का कहना है कि टैरिफ ने अमेरिका को बड़ी नेगोशिएटिंग पावर दी है.

रूस से तेल खरीद पर भी USA ने उठाए थे सवाल

भारत और अमेरिका के बीच तनाव तब और बढ़ा जब ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 25% टैरिफ लगाए और बाद में इसे दोगुना कर 50% कर दिया. इसकी एक बड़ी वजह भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखना था. ट्रंप चाहते थे कि भारत रूस से तेल लेना बंद करे, लेकिन भारत ने साफ मना कर दिया. भारत ने कहा कि उसके फैसले बाजार की स्थिति और जनता के हितों पर आधारित हैं.

‘किसानों के हित से समझौता नहीं’

भारत ने साफ किया है कि व्यापार पर बातचीत जारी है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अमेरिका के साथ मतभेद सुलझाने की कोशिशें हो रही हैं और नवंबर तक द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) संभव है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ किया कि भारत घरेलू प्राथमिकताओं से समझौता नहीं करेगा. उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों का हित सबसे बड़ी प्राथमिकता है. भारत कभी इनके साथ समझौता नहीं करेगा.”

ट्रंप ने दिया हार्ले-डेविडसन का उदाहरण

ट्रंप ने एक बार फिर हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिल का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि भारत ने इस ब्रांड पर 200% ड्यूटी लगाई थी, जिसके कारण कंपनी को स्थानीय स्तर पर प्लांट लगाना पड़ा. ट्रंप का तर्क है कि ऐसे टैरिफ अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश से रोकते हैं.

ट्रंप की अमेरिका में हो रही है आलोचना 

ट्रंप की टैरिफ नीति की आलोचना अमेरिका में भी हो रही है. अर्थशास्त्रियों और सांसदों का कहना है कि ऐसे कदम अमेरिकी उपभोक्ताओं और निर्माताओं को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने तो यहां तक कहा कि ट्रंप ने पाकिस्तान को तरजीह देकर भारत के साथ अमेरिका के दीर्घकालिक रणनीतिक संबंधों को कमजोर किया है.



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