- April 6, 2025
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से चमक सकता है भारत का ये सेक्टर, तेजी से बढ़ रहा है मार्केट

भारतीय खिलौना उद्योग के लिए वैश्विक बाजार में एक सुनहरा अवसर पैदा हो गया है. अमेरिका द्वारा चीन, वियतनाम, बांग्लादेश और अन्य देशों पर लगाए गए हाई टैरिफ के बाद अब भारत एक प्रतिस्पर्धी निर्यातक के रूप में उभरने के लिए तैयार है. निर्यातकों का मानना है कि भारतीय खिलौना निर्माता इस मौके का पूरा लाभ उठाने के लिए पहले से उत्पादन क्षमता बढ़ाने और वैश्विक कंपनियों के साथ साझेदारी की दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं.
भारत के लिए कम टैरिफ, बड़ी उम्मीद
हाल ही में अमेरिका ने भारत से आने वाले खिलौनों पर 26 फीसदी का आयात शुल्क लगाया है, जबकि चीन पर 54 फीसदी, वियतनाम पर 46 फीसदी, बांग्लादेश पर 37 फीसदी, इंडोनेशिया पर 32 फीसदी और थाईलैंड पर 36 फीसदी का टैरिफ लगाया गया है. ऐसे में भारत तुलनात्मक रूप से सस्ता विकल्प बनकर उभरा है.
भारत का बढ़ता खिलौना निर्यात
आंकड़ों की बात करें तो भारत का खिलौना निर्यात पिछले तीन वर्षों में लगातार मजबूत बना हुआ है. इसका निर्यात 32.6 करोड़ डॉलर से बढ़कर 34.8 करोड़ डॉलर तक पहुंच चुका है. इसके साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि अमेरिका के साथ एक द्विपक्षीय व्यापार समझौता अगर जल्द होता है, तो भारतीय कंपनियों को वैश्विक बाजार में और भी मजबूती मिलेगी.
प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ाना ज़रूरी
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को इस अवसर का पूरा लाभ लेने के लिए अपने उत्पादन ढांचे का विस्तार करना होगा. सरकार की ओर से क्वालिटी स्टैंडर्ड्स और सीमा शुल्क बढ़ोतरी जैसे कदमों ने भारतीय कंपनियों को चीनी आयात से हटकर आत्मनिर्भर बनने में मदद दी है.
जहां 2012-13 में भारत का चीन से खिलौना आयात 21.4 करोड़ डॉलर था, वहीं 2023-24 में यह घटकर 4.16 करोड़ डॉलर रह गया है. इसी दौरान चीन की हिस्सेदारी 94 फीसदी से घटकर 64 फीसदी तक आ चुकी है.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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