• September 12, 2024

बिल्डर ने घर देने में की देरी, रेरा का आदेश- खरीदार को मिलेगा 7 लाख का हर्जाना

बिल्डर ने घर देने में की देरी, रेरा का आदेश- खरीदार को मिलेगा 7 लाख का हर्जाना
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कर्नाटक रेरा ने हाल ही में एक फैसला सुनाया है, जो पूरे देश के घर खरीदारों के लिए नजीर बन सकता है. रेरा ने एक मामले की सुनवाई करते हुए बिल्डर को 7 लाख रुपये से ज्यादा का हर्जाना भरने का आदेश सुना दिया, क्योंकि बिल्डर ने घर खरीदार को डिलीवर करने में तय समय से लगभग साल भर ज्यादा लगा दिया था.

कर्नाटक के इस डेवलपर का मामला

यह मामला जुड़ा है प्रॉपर्टी डेवलपर श्रीराम प्रॉपर्टीज से. डेवलपर कर्नाटक के बेंगलुरू में श्रीराम ब्लू प्रोजेक्ट डेवलप कर रहा था. एक घर खरीदार ने उसमें एक फ्लैट खरीदने के लिए डेवलपर के साथ नवंबर 2018 में एग्रीमेंट किया. एग्रीमेंट 77 लाख रुपये में फाइनल हुआ. एग्रीमेंट के हिसाब से डेवलपर को 14 मार्च 2022 तक फ्लैट डिलीवर करना था, जिसमें वह असफल रहा.

ग्रेस पीरियड में भी नहीं मिली डिलीवरी

एग्रीमेंट में डिलीवरी डेट के साथ 6 महीने की ग्रेस पीरियड का भी प्रावधान था. यानी किसी भी हाल में डेवलपर को 14 सितंबर 2022 तक घर खरीदार के सुपूर्द करना था. हालांकि खरीदार को उसका फ्लैट मिल पाया 22 नवंबर 2023 को, जब डेवलपर के साथ उसकी सेल डीड हुई. मतलब खरीदार को उसका घर मिलने में एग्रीमेंट के हिसाब से तय समय से करीब साल भर का ज्यादा समय लग गया.

डिलीवरी के बाद रेरा पहुंचा खरीदार

सेल डीड होने के बाद खरीदार रेरा के पास पहुंच गया. उसने कर्नाटक रेरा के सामने मामला पेश करते हुए पजेशन में देरी की अवधि के लिए ब्याज का दावा किया. उसने कहा कि डेवलपर ने उसे घर देने में देरी की, जबकि दूसरी ओर वह कोविड-19 के संकट के बाद भी इंस्टॉलमेंट की पाई-पाई का भुगतान कर रहा था.

डेवलपर ने कोविड-19 को बताया जिम्मेदार

मजेदार है कि डेवलपर ने प्रोजेक्ट में देरी के लिए कोविड-19 को ही कारण बताया था. बिल्डर के अनुसार, कोविड-19 के चलते लेबर की शॉर्टेज हुई, जिससे उसके काम पर असर पड़ा. इस बात पर घर खरीदार का तर्क था कि जब वह कोविड-19 की परेशानियों के बाद भी समय पर सारी किस्तें भर रहा था, तो डेवलपर क्यों नहीं अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर सका और उसने एक्सटेंशन के लिए घर खरीदार से सहमति क्यों नहीं ली?

रेरा ने कहा भरना होगा इतना ब्याज

कर्नाटक रेरा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद घर खरीदार के पक्ष में फैसला सुनाया. रेरा ने डेवलपर को कहा कि वह 60 दिनों के भीतर घर खरीदार को देरी के ब्याज का भुगतान करे. इसका कैलकुलेशन एमसीएलआर प्लस 2 फीसदी की ब्याज दर से किया गया. इस दर पर 14 सितंबर 2022 से 22 नवंबर 2023 की अवधि के लिए रेरा ने ब्याज के रूप में 7,12,638 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा.

ये भी पढ़ें: घर खरीदारों को मिली बड़ी राहत, सुपरटेक के अटके प्रोजेक्ट्स को NBCC करेगी पूरा



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