- February 25, 2023
‘देश में हरित क्रांति थी अमेरिकी साजिश’, आइडियॉज ऑफ इंडिया में बोले अमिताव घोष
Ideas of India 2023: एबीपी नेटवर्क (ABP Network) के दो दिवसीय कार्यक्रम ‘आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2023’ का आज आखिरी दिन है. इस प्रोग्राम में मॉडरेटर गुल पनाग के साथ बातचीत में अमिताव घोष ने दावा किया, देश में 1980 के दशक के बाद हुई हरित क्रांति दरअसल कई भू-राजनीतिक वजहों के कारण अमेरिका की ही साजिश थी.
उन्होंने कहा, दरअसल शीत युद्ध के समय सोवियत संघ से यूएस की लड़ाई चल रही थी और दुनिया में भुखमरी थी जिससे निपटने के लिए उनको दूसरे देशों की ऐसी जमीनों की जरूरत थी जिससे वह दुनिया में गेहूं और धान का और उत्पादन कर सकें और फिर उसको सस्ती दर पर खरीद कर बाकी देशों में बेच सकें.
‘सरकार ने देखा तात्कालिक फायदा’
अमिताव घोष ने अभिनेत्री गुल पनाग के उस कथन पर भी सहमति जताई जिसमें उन्होंने कहा, खाने की समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने रेडियो से लेकर, टीवी में कृषि दर्शन के जरिए देश के किसानों को और गेहूं उत्पादित करने को लेकर प्रोत्साहित किया. सरकार ने सिर्फ त्वरित फायदा देखा, उसने दूर तक नहीं सोचा.
इसी कार्यक्रम में अभिनेत्री गुल पनाग ने कहा, वह पंजाब के मालवा रीजन से आती हैं, इस रीजन में 80 के दशक में पानी का जलस्तर 50 फीट था जोकि अब बढ़कर 250 फीट हो चुका है. लेकिन बावजूद इसके वहां पर धान, गेहूं का उत्पादन रुकता हुआ नजर नहीं आ रहा है.
खाद और फर्टिलाइजर के इस्तेमाल पर क्या बोली पनाग?
लोग अपने खेतों में बहुत ज्यादा फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करते हैं. पनाग ने कहा कहा, पंजाब में खेतों में दो फसलें बोई जाती हैं, एक खेत में वह गेहूं बोया जाता है जो बाद में बेचने के काम आएगा तो वहीं दूसरे खेत में वह गेहूं बोया जाता है जो घर में खाया जाएगा. दोनों में एक अंतर होता है वो है कि एक खेत में फर्टिलाइजर डाला जाता है और दूसरे में नहीं डाला जाता है.
लेखक अमिताव घोष ने यह माना, जलावयु परिवर्तन हर तरह से खतरनाक है, और यह विविधता से भरे देश भारत पर बड़ा असर डालेगा इसलिए समय रहते इसको रोकने के लिए नीतिगत स्तर पर काम किए जाने की जरूरत है.
दो दिवसीय कार्यक्रम का आज आखिरी दिन है. यह कार्यक्रम फरवरी तक चलेगा और इसका आयोजन मुंबई के ग्रैंड हयात होटल में किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में देश और दुनिया कि विभिन्न राजनीतिक, सांस्कृति और कला जगत की मशहूर हस्तियों को एक ही मंच पर लाया गया. इस सम्मेलन की थीम ‘नया इंडिया: लुकिंग इनवर्ड, रीचिंग आउट’ है.