• August 29, 2024

US के पूर्व एनएसए का बड़ा दावा- ‘चीन की आक्रमकता से भारत सरकार की अमेरिका से बढ़ी करीबी’

US के पूर्व एनएसए का बड़ा दावा- ‘चीन की आक्रमकता से भारत सरकार की अमेरिका से बढ़ी करीबी’
Share

America India Relations: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एच आर मैकमास्टर ने अपनी नई किताब में दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार मुख्य रूप से चीनी आक्रामकता के कारण अमेरिका के साथ ‘‘अभूतपूर्व’’ सहयोग करने की इच्छुक है, लेकिन साथ ही वह ‘‘फंसने और त्यागे जाने’’ को लेकर भी ‘‘भयभीत’’ है.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के रूप में अपने कार्यकाल का विवरण देते हुए मैकमास्टर ने अपनी किताब ‘ऐट वॉर विद अवरसेल्व्स’ में खुलासे किए हैं. मैकमास्टर ने अपनी पुस्तक में 14 अप्रैल 2017 से 17 अप्रैल 2017 के बीच अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत की अपनी यात्रा का विस्तृत विवरण दिया है. भारत यात्रा के दौरान उन्होंने नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, तत्कालीन विदेश सचिव एस जयशंकर और डोभाल से मुलाकात की थी. तब जयशंकर विदेश सचिव थे और दिवंगत सुषमा स्वराज विदेश मंत्री थीं.

मैकमास्टर ने किताब में क्या किया दावा?

उन्होंने लिखा, ‘‘हमने अफगानिस्तान में युद्ध और परमाणु-संपन्न पाकिस्तान से भारत को होने वाले खतरे के बारे में बात की, लेकिन जयशंकर और डोभाल ने मुख्य रूप से चीन की बढ़ती आक्रामकता के बारे में बात की. शी चिनफिंग की आक्रामकता के कारण अभूतपूर्व सहयोग के लिए उनकी सोच स्पष्ट थी. दुनिया के सबसे बड़े और दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्रों के बीच गहरी होती साझेदारी तार्किक लगती है, लेकिन भारत को उन प्रतिस्पर्धाओं में फंसने का डर है, जिनसे वह दूर रहना पसंद करता है और उसे अमेरिका के ध्यान देने वाला समय कम होने और दक्षिण एशिया को लेकर अस्पष्टता के कारण त्यागे जाने की भी आशंका है.’’

उन्होंने कहा कि शीतयुद्ध के दौरान गुटनिरपेक्ष आंदोलन में भारत के नेतृत्व की विरासत और ये चिंताएं भारत के लिए हथियारों तथा तेल के एक महत्वपूर्ण स्रोत रूस के प्रति उसके अस्पष्ट व्यवहार का कारण है. अपनी यात्रा के अंतिम दिन उन्होंने मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की.

मैकमास्टर ने पीएम मोदी को लेकर कही ये बात

पूर्व एनएसए ने लिखा, ‘‘मोदी ने हमारा गर्मजोशी से स्वागत किया. यह स्पष्ट था कि हमारे संबंधों को गहरा करना और विस्तार देना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता थी. उन्होंने भारत की कीमत पर अपना प्रभाव बढ़ाने के चीन के बढ़ते आक्रामक प्रयासों और क्षेत्र में उसकी बढ़ती सैन्य उपस्थिति पर चिंता व्यक्त की. मैकमास्टर ने कहा कि मोदी ने सुझाव दिया कि अमेरिका, भारत, जापान और समान विचारधारा वाले साझेदारों को चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड’ पहल के विपरीत एक समावेशी प्रयास के रूप में स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत की अवधारणा पर जोर देना चाहिए ताकि सभी को लाभ हो सके.

ये भी पढ़ें: Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में अराजकता और हिंदुओं पर हमलों को लेकर अमेरिका ने क्यों साध रखी है चुप्पी? सामने आई असली वजह



Source


Share

Related post

फ्रांस का नया ‘सुपर राफेल’: अमेरिकी F-35 को पछाड़ने वाला अजेय योद्धा, जानें कितना ताकतवर

फ्रांस का नया ‘सुपर राफेल’: अमेरिकी F-35 को…

Share France Super Rafale: फ्रांस अपने लड़ाकू विमान का एक नया ‘अवतार’ सबके सामने लाने की तैयारी कर…
बिल्ली का सिर कुचलकर बीच सड़क पर खाने लगी महिला, जब पहुंची पुलिस तो क्या जानिए क्या हुआ

बिल्ली का सिर कुचलकर बीच सड़क पर खाने…

Share अमेरिका के ओहायो राज्य में एक ऐसी अजीबोगरीब घटना हुई, जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो…
जयशंकर नेहरू या इंदिरा नहीं… बौखलाए चीनी ग्‍लोबल टाइम्‍स ने पहले उगला जहर फिर खबर की डिलीट

जयशंकर नेहरू या इंदिरा नहीं… बौखलाए चीनी ग्‍लोबल…

Share Global Times on S Jaishankar: चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के ग्लोबल टाइम्स ने लेख में भारतीय विदेश…