- November 9, 2025
आसमान में गरजे राफेल-सुखोई, असम CM बोले- ‘चिकन नेक पर IAF की ताकत उड़ा देगी दुश्मनों की नींद’
Flying Display 2025: असम की राजधानी गुवाहाटी रविवार को भारतीय वायुसेना के अद्भुत शक्ति प्रदर्शन का गवाह बनी. मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पूर्वोत्तर में आयोजित पहले पूर्ण पैमाने के एयर शो ‘फ्लाइंग डिस्प्ले 2025’ का अवलोकन किया और कहा कि यह शक्ति, कौशल और भावना का ऐसा प्रदर्शन है जो भारत के दुश्मनों की रातों की नींद हराम कर देगा. यह एयर शो रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम चिकन्स नेक कॉरिडोर के पास आयोजित हुआ. शो के दौरान भारतीय वायुसेना ने अपनी सामरिक और तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन किया.
75 से अधिक विमान और हेलीकॉप्टरों ने भरी उड़ान
ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर लासित घाट के पास हुए इस डेढ़ घंटे लंबे फ्लाइंग डिस्प्ले में राफेल, सुखोई-30, मिग-29, मिराज, जगुआर, आईएल-78 रिफ्यूलर, सी-17 ग्लोबमास्टर, एएन-32, सी-130 हरक्यूलिस जैसे विमानों ने रोमांचक करतब दिखाए. साथ ही अपाचे, एमआई-17 और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर MK-1 ने भी अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया.
राज्यपाल और वायुसेना प्रमुख रहे मौजूद
इस अवसर पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल ए.पी. सिंह, पूर्वी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल सूरत सिंह समेत कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोशल मीडिया पर गुवाहाटी के नागरिकों का आभार जताते हुए कहा कि जनता का यह अपार समर्थन देश के भीतर और बाहर “दुश्मनों की नींद हराम” कर देगा.
गुवाहाटी की सड़कों पर उमड़ी भीड़
कार्यक्रम देखने के लिए शहर और आसपास के इलाकों से हजारों लोग पहुंचे. भीड़ इतनी अधिक थी कि लासित घाट जाने वाली मुख्य सड़कों पर सुबह से जाम की स्थिति बनी रही. पूरा गुवाहाटी मानो वायुसेना के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन को देखने थम गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इस शो में शामिल होना था, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में व्यस्तता के कारण वे नहीं पहुंच सके.
रक्षा जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि पहली बार भारतीय वायुसेना ने पूर्वोत्तर में इतनी बड़ी स्तर पर प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा, ‘इस फ्लाइंग डिस्प्ले में वायुसेना के लगभग सभी विमान और हेलीकॉप्टर शामिल थे. यह गति, कौशल और समन्वय का शानदार संगम था, जिससे लोगों को देश की हवाई ताकत को करीब से देखने का दुर्लभ अवसर मिला.’