• May 11, 2025

‘गरीबों का सिनेमा बचा ही नहीं…’, मल्टीप्लेक्स की महंगाई पर बोले जावेद अख्तर

‘गरीबों का सिनेमा बचा ही नहीं…’, मल्टीप्लेक्स की महंगाई पर बोले जावेद अख्तर
Share

Javed Akhtar On Multiplexes: मल्टीप्लेक्स के आने के बाद फिल्म की टिकटों की कीमतों में भारी इजाफा देखने को मिला. ऐसे में फिल्म राइटर और लिरिसिस्ट जावेद अख्तर का मानने है कि महंगाई की वजह से मिडिल क्लास अब फिल्म देखने के लिए जाने से पहले सोचने पर मजबूर है. हाल ही में जावेद अख्तर ने दावा किया कि मल्टीप्लेक्स थिएटर्स प्रीविलेज क्लास के लिए रह गया है और अब गरीबों का सिनेमा खत्म होता जा रहा है.

कपिल सिब्बल के यूट्यूब चैनल दिल से कपिल सिब्ब्ल पर बात करते हुए जावेद अख्तर ने फिल्म टिकटों की महंगी कीमतों पर बात की. आम जनता जो सोचती है उसका रिफ्लेक्शन आज बॉलीवुड में क्यों नहीं होता? इस सवाल पर दिग्गज राइटर ने कहा- ‘इसलिए कि टिकट जो है वो 700 और 800 रुपए का है. एक जमाना था और अभी आज भी है, अमीरों के हॉस्पिटल हैं, गरीबों के हॉस्पिटल हैं. अमीरों के होटल हैं, गरीबों के होटल हैं.’

‘गरीबों का सिनेमा बचा ही नहीं है’
जावेद अख्तर ने आगे कहा- ‘ये क्या हुआ है टाइम एंड मल्टीप्लेक्सेस? अमीरों का सिनेमा हो गया है और गरीबों का सिनेमा. गरीबों का सिनेमा बचा ही नहीं है, इंडिया में आपके पास कितने थिएटर्स हैं? 14,000 के करीब थिएटर है. जिनमें से 803 सदर्न स्टेट्स में है. तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, अब बचे कितने? आपने आठ ही निकाल दिए तो छह बचे. छह में से बड़ा नंबर है वेस्टर्न कोस्ट पे महाराष्ट्र, गुजरात. उसके बाद जो बचे वो आते हैं हिंदी बेल्ट में.’

‘मल्टीप्लेक्स में तो समोसा भी 200 रुपए का बिकता है’
राइटर कहते हैं- ‘समझिए एक सवा 11 लाख 12 लाख आदमी के ऊपर एक थिएटर है. 11 लाख 12 लाख आदमियों के ऊपर एक सिनेमा हाउस है. यूएसए की तरह नहीं जहां 1 लाख थिएटर है. जहां 35-36 करोड़ आबादी है. चाइना की तरह नहीं जहां जहां 500 से ऊपर थिएटर है. हमारे हिंदी बेल्ट में एक चार 5000 थिएटर आते हैं. तो वो उसका वही नहीं है आउटलेट फिल्म का. दूसरी तरफ आ गए हैं मल्टीप्लेक्सेस, मल्टीप्लेक्स में तो समोसा भी 200 रुपए का बिकता है. जावेद टिकट होता है 500 से 700 रुपए का.’

‘न्यूक्लियर फैमिली भी जाए तो 3 साढ़े तीन हजार का खर्चा’
जावेद फिर कहते हैं- ‘मतलब एक चार आदमी की न्यूक्लियर फैमिली भी जाए तो 3 साढ़े तीन हजार का खर्चा है. तो वो तो प्रिविलेज ही क्लास देखती है. जब प्रिविलेज क्लास देखती है तो गरीबों के प्रॉब्लम क्यों डिस्कस किए? उनको गरीबी से क्या लेना देना? क्या लेना देना? भाई आप 5 स्टार होटल है. आपको ऐतराज नहीं हुआ. फाइव स्टार हॉस्पिटल है. आपको ऐतराज नहीं हुआ. तो अब 5 स्टार सिनेमा से क्या प्रॉब्लम है?’



Source


Share

Related post

‘सन ऑफ सरदार 2’ के लिए अजय देवगन ने नहीं ली फीस, जानें बाकी स्टार कास्ट ने कितने वसूले

‘सन ऑफ सरदार 2’ के लिए अजय देवगन…

Share अजय देवगन की कॉमेडी फिल्म ‘सन ऑफ सरदार 2’ को लेकर फैंस काफी एक्साइटेड हैं. फिल्म 1…
अवैध घुसपैठियों मंसूबे होंगे नाकाम, बांग्लादेश बॉर्डर पर BSF को मिली ये बड़ी ताकत

अवैध घुसपैठियों मंसूबे होंगे नाकाम, बांग्लादेश बॉर्डर पर…

Share भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसफ) के जवानों को 5,000 से अधिक…
‘कपड़े उतारो या कुछ करो…’ टॉप एक्टर की बेटी से डायरेक्टर ने की घिनौनी डिमांड

‘कपड़े उतारो या कुछ करो…’ टॉप एक्टर की…

Share बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड इंडस्ट्री तक में कास्टिंग काउच का जाल फैला है. कई एक्ट्रेसेस अपने साथ…