• September 30, 2023

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी तक कैसे पहुंचेगी 543 लोकसभा सीटों की ग्राउंड रिपोर्ट? जानें

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी तक कैसे पहुंचेगी 543 लोकसभा सीटों की ग्राउंड रिपोर्ट? जानें
Share

Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी ने देश की सभी 543 लोकसभा सीटों पर विस्तारकों की तैनाती करने का फैसला किया है. इसके लिए पार्टी आलाकमान ने राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल के नेतृत्व में 10 नेताओं की एक समिति का भी गठन किया है. पार्टी के ये 10 नेता अलग-अलग राज्यों में विस्तारकों का चयन कर उनकी ट्रेनिंग की व्यवस्था करेंगे. इसके बाद उन्हें अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए तैनात कर दिया जाएगा.

न्यूज एजेंसी IANS के मुताबिक 10 नेताओं की यह समिति देशभर में विस्तारकों के नियोजन का दायित्व संभालेगी और केंद्रीय स्तर पर पार्टी के महासचिव सुनील बंसल को रिपोर्ट करेगी. सूत्रों के मुताबिक, विस्तारक योजना का संयोजक उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को बनाया गया है, जबकि सह-संयोजक का दायित्व बिहार बीजेपी के संगठन महासचिव भीखू भाई दलसानिया और राजकुमार शर्मा को सौंपा गया है.

लोकसभा क्षेत्रों की देंगे रिपोर्ट
इसके अलावा प्रदेश स्तर पर भी अलग-अलग नेताओं के नेतृत्व में टीम बनाई जाएगी. ये विस्तारक अपने-अपने लोकसभा क्षेत्रों की रिपोर्ट प्रदेश के संयोजक को देंगे, जो इसे राष्ट्रीय टीम तक आगे बढ़ाने का काम करेंगे. बीजेपी ने यह योजना बनाई है कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र , पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में सभी विस्तारकों का चयन, ट्रेनिंग और तैनाती का काम एक दिसंबर तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए और वहीं छोटे राज्यों में इस काम को हर हाल में एक जनवरी तक संपन्न कर लिया जाए.

पहले 160 सीटों में तैनात होने थे विस्तारक
गौरतलब है कि बीजेपी ने पहले यह तय किया था कि वह अपने लिहाज से कमजोर मानी जाने वाली देश की 160 लोकसभा सीटों पर चुनाव की घोषणा से पहले ही विस्तारकों की तैनाती कर देगी. बाद में इसकी संख्या में इजाफा होता चला गया और अब भाजपा ने देश की सभी 543 लोकसभा सीटों पर विस्तारकों की तैनाती का फैसला कर लिया है.

कौन होते हैं विस्तारक?
दरअसल, बीजेपी के विस्तारक पार्टी के ऐसे कार्यकर्ता होते हैं, जिन्होंने लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या इससे जुड़े किसी संगठन के साथ स्वयंसेवक और पूर्णकालिक कार्यकर्ता के तौर पर काम किया हो और वर्तमान में बीजेपी के साथ जुड़े हों. यह माना जाता है कि संघ के बैकग्राउंड और पूर्णकालिक कार्यकर्ता होने के कारण यह वास्तविक जमीनी हालात का फीडबैक संगठन तक पहुंचा सकते हैं.

यह भी पढ़ें- Nara Lokesh: चंद्रबाबू नायडू के बाद अब बेटे नारा लोकेश को सीआईडी ने थमाया नोटिस, जानें किस मामले में होगी पूछताछ?



Source


Share

Related post

संसद में पुराने दोस्त सिंधिया का हाथ पकड़ चल दिए राहुल गांधी, देखते रह गए कांग्रेस के नेता!

संसद में पुराने दोस्त सिंधिया का हाथ पकड़…

Share Scindia and Rahul Gandhi: संसद के सेंट्रल हॉल में आज (26 नवंबर, 2024) राहुल गांधी की केंद्रीय…
क्या एकनाथ शिंदे में है महाराष्ट्र के नीतीश कुमार बनने का दम?

क्या एकनाथ शिंदे में है महाराष्ट्र के नीतीश…

Share Nitish Model In Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति ने बड़ी जीत दर्ज की है, जिसमें भाजपा की…
Spot the difference: Eknath Shinde, Devendra Fadnavis and ‘kissa kursi ka’ | India News – Times of India

Spot the difference: Eknath Shinde, Devendra Fadnavis and…

Share NEW DELHI: With a clear mandate for the Mahayuti in Maharashtra assembly election results, who will form…