• January 10, 2024

भारत दौरे पर आना चाहते थे मालदीव के राष्ट्रपति, ‘चीन परस्त’ मोइज्जू को क्यों नहीं मिला भाव?

भारत दौरे पर आना चाहते थे मालदीव के राष्ट्रपति, ‘चीन परस्त’ मोइज्जू को क्यों नहीं मिला भाव?
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India-Maldives Relations: मोहम्मद मोइज्जू के राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद मालदीव सरकार ने पिछले साल उनके भारत दौरे का प्रस्ताव दिया. हालांकि, कई वजहों से चलते राष्ट्रपति मोइज्जू का भारत दौरा तय नहीं हो पाया. द्विपक्षीय रिश्तों का खराब होना भी उन वजहों में से एक रहा. इसके बाद मोइज्जू राष्ट्रपति के तौर पर अपनी पहली यात्रा के लिए चीन रवाना हुए. इसे यात्रा को हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के तौर पर देखा गया. 

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और मालदीव के रिश्ते पिछले हफ्ते और भी ज्यादा खराब हो गए, जब मोइज्जू सरकार के कुछ मंत्रियों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की. आपत्तिजनक बयानबाजी के बाद मालदीव सरकार ने तुरंत अपने तीन डिप्टी मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया. यहां गौर करने वाली बात ये है कि मालदीव भारत के ‘पड़ोसी प्रथम नीति’ का सबसे बड़ा लाभार्थी रहा है. 

क्यों नहीं हो पाया भारत दौरा? 

नाम न छापने की शर्त पर मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि पिछले साल नवंबर में मोइज्जू राष्ट्रपति बने. उनके राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद ही मालदीव सरकार ने भारत दौरे के लिए प्रस्ताव दिया. हालांकि, भारत में मोइज्जू को लेकर पहले ही माहौल खराब था. इसकी वजह ये थी कि उन्होंने चुनाव के दौरान भारत-विरोधी अभियान चलाया. राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने मालदीव में तैनात भारतीयों सैनिकों को भी जाने को कह दिया. 

जानकारी रखने वाले एक शख्स ने बताया, ‘इस तरह के दौरे तुरंत निर्धारित नहीं किए जा सकते हैं, जब दो मुल्कों के बीच रिश्ते काफी खराब चल रहे हो. इसके बाद मालदीव के राष्ट्रपति चीन के दौरे पर चले गए, जिसके बाद तो उनकी भारत ट्रिप की संभावना और भी ज्यादा कम हो गई.’ आमतौर पर मालदीव के नए राष्ट्रपति का पहला विदेशी दौरा भारत का करने का रिवाज रहा है, मगर मोइज्जू पद संभालते ही पहले तुर्की और फिर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) गए.

चीन के साथ किया अरबों का समझौता 

भारतीय पर्यटकों के मालदीव की ट्रिप कैंसिल करने की खबरों के बीच मोइज्जू ने चीन से आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ाने पर जोर देना शुरू कर दिया है. चीन दौरे पर गए मालदीव के राष्ट्रपति ने वहां एक अहम समझौता किया है. चीन के स्वामित्व वाली दो कंपनियों और मालदीव सरकार ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है, जिसके तहत 50 मिलियन डॉलर (4 अरब रुपये) की लागत से हुलहुमाले द्वीप पर टूरिज्म जोन बनाया जाएगा. 

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन से गुजारिश की कि वह उनके देश में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पर्यटकों को भेजे. चीन के फुजियान प्रांत में ‘मालदीव बिजनेस फोरम’ को संबोधित करते हुए मालदीव के राष्ट्रपति ने चीन को द्वीपीय राष्ट्र का ‘निकटतम सहयोगी’ बताया. मोइज्जू ने कहा कि चीन हमारे सबसे करीबी सहयोगियों और विकास साझेदारों में से एक है. वह पांच दिनों के आधिकारिक दौरे पर चीन पहुंचे हैं.

यह भी पढ़ें: भारत-मालदीव में बढ़ने लगी टेंशन, नई दिल्ली के एक्शन पर माले में दिखा रिएक्शन, भारतीय उच्चायुक्त को भेजा गया समन



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