• July 19, 2025

बेंगलुरू और मुंबई से वाशिंगटन तक… साल 2025 में व्हाइट कॉलर जॉब के लिए ‘काल’ बना AI

बेंगलुरू और मुंबई से वाशिंगटन तक… साल 2025 में व्हाइट कॉलर जॉब के लिए ‘काल’ बना AI
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Tech Layoffs 2025: ऐसे समय में जब कंपनियों की तिमाही आय में जबरदस्त इजाफा हो रहा है, उसके बावजूद वे अपने यहां से लोगों को बाहर का रास्ता दिखा रही है. दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट से लेकर गूगल तक में छंटनी का दौर नहीं थम रहा है. ऐसे में साल 2025 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उथल-पुथल मचाकर हर क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख रहा है.

अमेजन ने एडब्ल्यूएस क्लाउड डिवजिन से भारी तादाद में कर्मचारियों की छंटनी की है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक ये कह पाना मुश्किल है कि कितने लोगों को वहां से बाहर किया गया है. जबकि मेटा समेत अन्य टेक कंपनियां भी इस काम में उससे पीछे नहीं दिख रही है.

एआई लिख रहा नया अध्याय

ऐसे समय में जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एआई बेहतर भविष्य, तेजी के साथ ग्रोथ और स्मार्ट वर्क करने का भरोसा दे रहा है, दुनिया भर के उन हजारों कंपनियों के लिए ये भविष्य की अनिश्चितता और बेचैनी वाली रात बनकर आया है.

इसका सीधा मतलब ये है कि अब ओरेगांव में इंटेल के चिप प्लांट से लेकर रेडमोन्ड में माइक्रोसॉफ्ट, मुंबई के डिजनी ऑफिस से लेकर हैदराबाद के अमेजन क्लाउ हब्स तक हजारों कर्मचारियों रात की नींद गायब हो चुकी है. उनके ऊपर छंटनी की तलवार लटक रही है. 

रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एडब्ल्यूएस क्लाउड कंप्यूटिंग डिविजन से अमेजन ने हजारों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है, इसमें जो विभाग प्रभावित हुए, वे हैं- ट्रेनिंग, सपोर्ट और क्लाउड स्पेशलिस्ट यूनिट्स. अमेजन ने ये छंटनी ऐसे वक्त पर की है जब वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के आए नतीजे में उसे 17 प्रतिशत का मुनाफे में जबरदस्त उछाल आया है. वह लगातार अपनी लागत को कम करने के लिए स्टाफ की छंटनी करने में लगा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टाफ को 60 दिनों के भुगतान के साथ अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं.

गूगल लाया स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति प्रोग्राम

गूगल की तरफ से सीधे किसी को निकालने की जगह अपने आपको रिस्ट्रेक्चर करते हुए स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति प्रोग्राम लेकर आया. अमेरिका में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए लाए गए ये नियम खासकर एड, सर्च और इंजीनियरिंग टीम के लिए लागू किया गया. इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, गूगल की तरफ से लाए गए इस प्रोग्राम का असली मकसद बिना किसी को जबरन निकालने के कर्मचारियों की संख्या में कटौती करना था.

माइक्रसॉफ्ट ने 9000 लोगों को निकाला

अमेरिकी जानी मानी टेक कंपनी माइक्रो भी अपने कर्मचारियों के ऊपर लगातार कैंची चला रहा है. जुलाई में माइक्रोसॉफ्ट ने इस बात की पुष्टि की है  कि उसने करीब 9000 लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. यानी अपने कुल स्टाफ के करीब 4 प्रतिशत को सड़क पर ला दिया. सिएटल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मुनाफे पर दबाव के बावजूद माइक्रोसॉफ्ट ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 80 अरब डॉलर के पूंजीगत खर्च (कैपिटल स्पेंडिंग) की प्रतिबद्धता जताई है. ये मुख्य रुप से खर्च आर्टिफिशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर किया जाएगा.



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