- September 11, 2025
अपने ही लोगों की जासूसी कर रहे शहबाज-मुनीर, 40 लाख फोन सर्विलांस पर, चीन से भी कनेक्शन, रिपोर्ट

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान अपने नागरिकों पर व्यापक निगरानी अभियान चला रहा है. इस निगरानी में चीनी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि सरकार अपने विरोधियों और स्वतंत्र आवाज को दबा सके. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में चीनी तकनीक से बना एक इंटरनेट फायरवॉल (WMS 2.0) इस्तेमाल में लाया जा रहा है, जो सोशल मीडिया को सेंसर करता है और देश में करीब 40 लाख मोबाइल फोन पर निगरानी करने की क्षमता रखता है.
चीनी तकनीक और विदेशी कंपनियों का सहयोग
रिपोर्ट में बताया गया है कि यह फायरवॉल अमेरिका की Niagara Networks की डिवाइस, फ्रांस की Thales कंपनी के सॉफ्टवेयर और चीनी सरकारी आईटी कंपनी के सर्वर का उपयोग करता है. इससे पहले इस तरह की तकनीक कनाडा की Sandvine कंपनी की थी. एमनेस्टी ने बताया कि यह सिस्टम दो तरह से काम करता है- एक सिस्टम कॉल और मैसेज को सुनने की सुविधा देता है, जबकि दूसरा इंटरनेट की वेबसाइट्स और सोशल मीडिया को ब्लॉक या धीमा कर देता है.
बड़ी संख्या में वेबसाइट्स और प्लेटफॉर्म ब्लॉक
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान वर्तमान में लगभग 6.5 लाख वेब लिंक ब्लॉक कर चुका है. यूट्यूब, फेसबुक और X जैसी प्रमुख सोशल मीडिया साइट्स तक पहुंच भी सीमित की गई है. एमनेस्टी ने यह भी कहा कि हर समय लगभग 4 मिलियन मोबाइल फोन पर निगरानी की जा रही है और फायरवॉल एक साथ 2 मिलियन इंटरनेट सेशंस को ब्लॉक कर सकता है.
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह जानकारी 2024 में इस्लामाबाद हाईकोर्ट में दर्ज एक केस से मिली है. यह केस पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने दर्ज कराया था, जब उनकी निजी कॉल्स लीक हो गई थीं. कोर्ट में पाकिस्तान की रक्षा मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों ने इन निगरानी गतिविधियों को नकारा था, लेकिन बाद में टेलीकॉम रेगुलेटर ने स्वीकार किया कि उन्होंने फोन कंपनियों को LIMS सिस्टम इंस्टॉल करने का आदेश दिया था. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने चेतावनी दी है कि इस तरह की व्यापक निगरानी से नागरिकों में डर बैठता है और लोग अपनी आवाज उठाने से डरने लगते हैं.