- July 2, 2024
राहुल गांधी के भाषण से क्यों हटाए गए शब्द? बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने बता दी वजह
Parliament Session: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 1 जुलाई को सदन में दिए भाषण पर विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. इस विवाद के बाद उनके भाषण के कई अंशों को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया है. हालांकि, अब इस मामले में बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने स्पीकर ओम बिरला से कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. साथ ही कहा कि राहुल गांधी के बयान “तथ्यात्मक रूप से गलत” और “भ्रामक प्रकृति के” थे.
दरअसल, नई दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने इस चिट्ठी में लिखा है कि मैं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कल लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भाषण में उनकी गलतियों की ओर आपका ध्यान दिलाना चाहती हूं. उन्होंने नियम 115(1) के तहत लोकसभा स्पीकर से राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज की ओर से स्पीकर ओम बिरला को दिए नोटिस में कहा गया है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता द्वारा दिए गए उपर्युक्त बयान तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक प्रकृति के हैं. इसलिए नियम 115 के तहत उचित कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए. इसलिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि कृपया राहुल गांधी द्वारा जानबूझकर की गई गलतियों का संज्ञान लें और आवश्यक कार्रवाई करें.
The notice states, “The abovementioned statements made by LoP in the Lok Sabha are factually incorrect and misleading in nature and hence appropriate proceedings ought to be initiated as provided under Rule 115. I therefore pray that you kindly take cognizance of the deliberate… https://t.co/5sPO1qrm2e
— ANI (@ANI) July 2, 2024
जानिए राहुल गांधी ने अपने भाषण में तीन कौन से ऐसे बयान दिए?
बता दें कि, ये वाकया राहुल गांधी के लोकसभा भाषण के कुछ हिस्सों को संसद के रिकॉर्ड से हटाए जाने के कुछ घंटों बाद हुई है. जिसमें कांग्रेस सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर कहा कि हटाए गए हिस्से नियम 380 के दायरे में नहीं आते हैं.
इस जवाबी कार्रवाई में बांसुरी स्वराज ने अपने नोटिस में आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना के बारे में “जानबूझकर” तथ्यात्मक रूप से गलत बयान दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि किसानों और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी टिप्पणियां गलत, झूठी और बिना किसी आधार के थीं.
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