• July 15, 2023

पेरिस के दूतावास में बनेगा DRDO का टेक्निकल ऑफिस, जानें भारत और फ्रांस ने क्या कहा?

पेरिस के दूतावास में बनेगा DRDO का टेक्निकल ऑफिस, जानें भारत और फ्रांस ने क्या कहा?
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PM Modi France Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा के दौरान राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने, आर्थिक और सुरक्षा संबंधी मामले सहित कई मुद्दों को लेकर चर्चा की. 

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, भारत और फ्रांस ने साझा बयान में कहा है कि हिंदुस्तान पेरिस में स्थित अपने दूतावास में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) का  तकनीकी ऑफिस स्थापित करेगा. 

भारत और फ्रांस ने क्या कहा?
भारत और फ्रांस ने शुक्रवार (14 जुलाई) को साझा बयान में कहा कि दोनों देश स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अस्तित्व में विश्वास करते हैं. संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए इस रणनीतिक क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक एक संतुलित और स्थिर व्यवस्था कायम करने का संकल्प लेते हैं. 

पीएम और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के बीच द्विपक्षीय बातचीत के बाद दोनों देशों ने ‘भारत-फ्रांस हिंद-प्रशांत रूपरेखा’ का मसौदा जारी किया.  इस रूपरेखा के मसौदे में कहा गया है कि भारत और फ्रांस रणनीतिक रूप से अहम ‘रेजिडेंट पावर’ (निवासी शक्तियां) है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी वाले प्रमुख भागीदार हैं. 

भारत-फ्रांस हिंद-प्रशांत रूपरेखा’ को ऐसे समय में जारी किया गया है जब इस रणनीतिक क्षेत्र में चीन की आक्रामकता लगातार बढ़ती जा रही है. 

दोनों देशों ने ‘भारत-फ्रांस हिंद-प्रशांत रूपरेखा’ के मसौदे में कहा, ‘‘ हिंद महासागर में भारत-फ्रांस के बीच साझेदारी हमारे द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गई है.  साल 2018 में, भारत और फ्रांस ‘हिंद महासागर क्षेत्र में भारत-फ्रांस सहयोग के संयुक्त रणनीतिक दृष्टिकोण’ पर सहमत हुए. अब हम प्रशांत क्षेत्र में अपने संयुक्त प्रयासों का विस्तार करने के लिए तैयार हैं. 

भारत और फ्रांस का सहयोग किस क्षेत्रों पर केंद्रीत है?
दोनों देशों ने इस साझा बयान में कहा, ‘‘ हमारा सहयोग हमारे अपने आर्थिक और सुरक्षा संबंधी हितों की रक्षा करने पर केंद्रित है. इसका लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा वैश्विक और निःशुल्क पहुंच सुनिश्चित करना, इस क्षेत्र में समृद्धि और स्थिरता की साझेदारी बनाना, अंतरराष्ट्रीय कानून के शासन को आगे बढ़ाना, क्षेत्र में और उससे परे अन्य लोगों के साथ काम करते हुए, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए क्षेत्र में एक संतुलित और स्थिर व्यवस्था का निर्माण करना है. ”

दोनों देशों ने कहा, ‘‘ हमारा सहयोग व्यापक है और इसमें रक्षा, सुरक्षा, आर्थिक, कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचा, स्थिरता और मानव-केंद्रित विकास शामिल है. हमारा द्विपक्षीय सहयोग हमारी पारस्परिक सुरक्षा को आगे बढ़ाता है.” 

भारत और फ्रांस ने किस क्षेत्र पर जोर दिया?
दोनों देशों ने अपने नौसैनिक सहयोग को बढ़ाने और भारत में रक्षा औद्योगिक क्षमताओं को विकसित करने तथा संयुक्त रूप से अन्य देशों की जरूरतों का समर्थन करने का भी संकल्प लिया. 

भारत और फ्रांस ने इस बात पर जोर दिया कि वे अफ्रीका, हिंद महासागर क्षेत्र, दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र सहित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों में विकास के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे. 

इनपुट: भाषा से भी

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