- December 23, 2023
Ravi Jaipuria: मिलिए ‘कोला किंग’ से, जिन्होंने एक साल में कमाए 49 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा
Varun Beverages: देश में ‘कोला किंग’ के नाम से पहचाने जाने वाले मशहूर कारोबारी रवि जयपुरिया (Ravi Jaipuria) ने साल 2023 में 49 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा कमा डाले. आरजे कॉर्प (RJ Corp) के फाउंडर और चेयरमैन रवि कांत जयपुरिया की कुल संपत्ति 2023 में 6 अरब डॉलर बढ़ी है. इसमें सबसे बड़ा योगदान वरुण बेवरेजेस (Varun Beverages) का रहा. कंपनी ने 2016 में अपना आईपीओ बाजार में उतारा था. इसके बाद से कंपनी के शेयर्स 18 गुना बढ़ चुके हैं.
उदय कोटक को पीछे छोड़ा
‘कोला किंग’ रवि जयपुरिया ने इस दौरान देश के सबसे अमीर बैंकर उदय कोटक (Uday Kotak) को भी संपत्ति के मामले में पीछे छोड़ दिया है. एफएमसीजी सेक्टर में काम कर रही वरुण बेवरेजेस का मार्केट कैप इस दौरान 163418.38 करोड़ रुपये हो गया है. रवि जयपुरिया की संपत्ति इस दौरान 15.1 अरब डॉलर हो गई है.
पेप्सिको की दूसरी सबसे बड़ी बॉटलिंग पार्टनर
आरजे कॉर्प के अंदर वरुण बेवरेजेस के अलावा देवयानी इंटरनेशनल भी शामिल हैं. उनकी कंपनी वरुण बेवरेजेस पेप्सिको (PepsiCo) के लिए प्रोडक्शन, बॉटलिंग और डिस्ट्रीब्यूशन का काम करती है. यह अमरीका के बाहर पेप्सिको की दूसरी सबसे बड़ी बॉटलिंग पार्टनर है.
बड़े फ़ूड आउटलेट्स चलाती है देवयानी
देवयानी इंटरनेशनल (Devyani International) भारत में केएफसी, पिज्जा हट, कोस्टा कॉफी और टीडब्ल्यूजी टी आउटलेट्स चलाती है.
मेंदाता और लेमन ट्री में भी पार्टनर
रवि जयपुरिया की हेल्थकेयर फर्म मेदांता और होटल चेन लेमन ट्री में भी हिस्सेदारी है. मार्च, 2023 तक आरजे कॉर्प लिमिटेड के पास 7 स्टॉक्स थे, जिनकी नेट वर्थ लगभग 37,334.1 करोड़ रुपये थी.
भारत के बाहर भी कारोबार बढ़ा रहे
रवि जयपुरिया भारत के बाहर अपना कारोबार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए उनकी कंपनी ने दो बड़ी अंतरराष्ट्रीय डील भी की हैं. वरुण बेवरेजेज ने द बेवरेज कंपनी का अधिग्रहण करके दक्षिण अफ्रीकी बाजार में एंट्री का ऐलान किया है. कंपनी ने ये डील 1,320 करोड़ रुपये में की है. इसके अलावा देवयानी इंटरनेशनल भी थाइलैंड में उतरने वाली है. कंपनी ने रेस्टोरेंट्स डेवलपमेंट कंपनी में कंट्रोलिंग हिस्सा खरीदने के लिए शेयर पर्चेज एग्रीमेंट किया है.
मारवाड़ी हैं रवि जयपुरिया
रवि जयपुरिया मारवाड़ी हैं. उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई अमरीका से की. वो 1985 में भारत लौटे और बॉटलिंग के पारिवारिक बिजनेस में लग गए. 1987 में रवि जयपुरिया के परिवार का बंटवारा हो गया. उनके हिस्से बॉटलिंग प्लांट आया और उन्होंने पेप्सीको से करार कर लिया. उन्होंने अपने बेटे और बेटी के नाम पर ही दोनों कंपनियों का नाम रखा है.
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