- June 1, 2024
अंतिम पड़ाव पर लोकसभा का चुनाव, अब 4 जून के लिए तैयार हुआ शेयर बाजार
<p style="text-align: justify;"><span style="font-weight: 400;"><strong>Lok Sabha Election:</strong> भारत में <a title="लोकसभा चुनाव" href="https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024" data-type="interlinkingkeywords">लोकसभा चुनाव</a> (Lok Sabha Election) अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. 1 जून को सातवें चरण के मतदान के साथ ही लोगों की नजर 4 जून को आ रहे चुनाव नतीजों पर टिक जाएगी. चुनाव के चलते शेयर मार्केट में भी भारी उठापटक मची हुई है. विदेशी निवेशक चुनाव नतीजों की आशंका के चलते लगातार मार्केट से पैसा बाहर निकाल रहे हैं. इसका बुरा असर मार्केट पर पड़ रहा है. ऐसे निवेशकों की नजर भी बेसब्री से चुनाव नतीजों पर टिकी हुई है. 4 जून को लेकर दलाल स्ट्रीट पूरी तरह से तैयार है. विशेषज्ञों ने भी अपने-अपने अनुमान लगाए हुए हैं. आइए एक नजर इन अनुमानों पर डाल लेते हैं. </span></p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>पीएम मोदी के आने से उछलेंगे इंफ्रा शेयर</strong></h3>
<p style="text-align: justify;"><span style="font-weight: 400;">चुनाव नतीजे शेयर बाजार को हमेशा से ही प्रभावित करते आए हैं. अमेरिकी राजनीतिक वैज्ञानिक एवं लेखक इयान ब्रेमर (Ian Bremmer) का मानना है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को अगला कार्यकाल नहीं मिला तो यह आश्चर्य और हैरानी की बात होगी. इयान ब्रेमर के यूरेशिया ग्रुप का अनुमान है कि भाजपा 305 सीटें (±10 सीटें) जीत सकती है. इसके चलते पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की आर्थिक और लोकतांत्रिक स्थिरता बनी रहेगी. मशहूर निवेशक मार्क मोबियस (Mark Mobius) भी <a title="नरेंद्र मोदी" href="https://www.abplive.com/topic/narendra-modi" data-type="interlinkingkeywords">नरेंद्र मोदी</a> के तीसरे कार्यकाल को लेकर आशावादी हैं. उन्होंने सीएनबीसी इंटरनेशनल से कहा, उन्हें उम्मीद है कि मोदी की नीतियां जारी रहेंगी. इससे इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े शेयरों को फायदा होगा.</span></p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>भाजपा हारी तो 2004 जैसी बड़ी गिरावट आने की आशंका </strong></h3>
<p style="text-align: justify;"><span style="font-weight: 400;">जेफरीज के क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) ने चेतावनी दी है कि भाजपा की हार से बाजार में गिरावट आ सकती है. यह 2004 की गिरावट के जैसी ही हो सकती है. उनका कहना है कि अगर बीजेपी 2019 जैसा प्रदर्शन करती है तो भी यह सरकार की नीतियों को बनाए रखने के लिए पर्याप्त होगा. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रामदेव अग्रवाल (Raamdeo Agrawal) मौजूदा सरकार के दोबारा चुने जाने को लेकर आश्वस्त हैं. उन्होंने कहा कि जनादेश का आकार बाजार की प्रतिक्रिया को प्रभावित करेगा.</span></p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>सरकार ने की वापसी तो </strong><span style="font-weight: 400;"><strong>तेज उछाल भरेगा बाजार</strong> </span></h3>
<p style="text-align: justify;"><span style="font-weight: 400;">अनुभवी निवेशक रमेश दमानी (Ramesh Damani) को उम्मीद है कि आर्थिक नीतियों में निरंतरता रहेगी. इससे बाजार की वृद्धि कायम रहेगी. दमानी ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर, हाउसिंग और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे सेक्टर पर सरकार ज्यादा ध्यान देगी. हिरेन वेद (Hiren Ved) मानते हैं कि एनडीए की वापसी होगी. उन्होंने कहा कि सीटों की संख्या मौजूदा नीतियों की निरंतरता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. अतुल सूरी का मानना है कि अगर मौजूदा सरकार लौटी तो भारत का बाजार तेज उछाल भरेगा.</span></p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>बाजार का आगे जाना तय, परिणाम से खास फर्क नहीं पड़ेगा</strong></h3>
<p style="text-align: justify;"><span style="font-weight: 400;">नीलेश शाह (Nilesh Shah) ने कहा कि बाजार का आगे जाना तय है. चुनाव परिणाम से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. श्रीधर शिवराम को सरकारी सुधारों से प्रेरित बाजार वृद्धि जारी रहने का अनुमान है. बाजार विशेषज्ञ चुनाव परिणामों के संभावित प्रभावों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. सभी का मानना है कि अगर चौंकाने वाले नतीजे आए तो अस्थिरता आ सकती है. </span></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें </strong></p>
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