• May 28, 2024

क्या बला है यह Silent Layoffs, जिसमें समा गईं 20000 लोगों की नौकरियां 

क्या बला है यह Silent Layoffs, जिसमें समा गईं 20000 लोगों की नौकरियां 
Share

IT Sector: पूरी दुनिया में कर्मचारियों के लिए पिछला साल बहुत निराशाजनक रहा है. पिछले साल से दुनिया की कंपनियों में शुरू हुआ छंटनी का दौर अभी तक जारी है. इसकी सबसे ज्यादा मार आईटी सेक्टर (IT Sector) पर पड़ी है. टेस्ला और गूगल जैसी दिग्गज कंपनियों ने तो ऐलान करते हुए लोगों को नौकरियों से निकाला लेकिन, कई कंपनियों ने बिना किसी शोर-शराबे के साइलेंट लेऑफ्स (Silent Layoffs) का रास्ता चुना. एक अनुमान के मुताबिक, साइलेंट लेऑफ्स में अब तक 20 हजार से ज्यादा लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. 

बिना कोई जानकारी दिए की जा रही छंटनी  

साइलेंट लेऑफ्स एक तरह से कर्मचारियों पर गाज गिराने जैसा है. इसमें बस एक दिन लोगों को बुलाकर उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है. ऑल इंडिया आईटी एंड आईटीईएस एम्प्लॉयीज यूनियन के आंकड़ों के अनुसार, साल 2023 में आईटी सेक्टर की अलग-अलग कंपनियों ने करीब 20 हजार कर्मचारियों को इसी तरीके से निकाला है. 

नौकरी छोड़ने पर कंपनियां दे रहीं सैलरी 

एक आईटी इंजीनियर ने मनी कंट्रोल को बताया कि उन्हें कंपनी से ईमेल आया और एचआर टीम ने उन्हें वर्चुअल मीटिंग ज्वॉइन करने को कहा. मीटिंग में उन्हें दो ऑप्शन दिए गए. पहला उन्हें निकाल दिया जाएगा और दूसरा अगर वो नौकरी छोड़ दें तो उन्हें कंपनी की तरफ से 4 महीने की सैलरी दी जाएगी. कंपनी ने उनसे तत्काल निर्णय लेने को कहा. उन्होंने पैसा लेकर नौकरी छोड़ दी और तब से ही नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं. 

आईटी यूनियन ने कहा- यह आंकड़ा और बढ़ेगा 

कॉग्निजेंट ने भी अपने कुछ कर्मचारियों को 3 महीने की सैलरी देकर घर भेजा है. पिछले कुछ महीनों में कॉग्निजेंट ने इसी तरीके से कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है. यूनियन के अनुसार, आंकड़ा 20 हजार से काफी ज्यादा हो सकता है. यह छंटनी छोटी-बड़ी हर तरह की आईटी कंपनी में हो रही है. साइलेंट लेऑफ्स के सबसे आम तरीके में कर्मचारियों को कंपनी में ही नया काम तलाशने के लिए 30 दिन का समय दिया जा रहा है. यदि वह इसमें सफल नहीं रहते तो उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ती है. साइलेंट लेऑफ्स में कंपनी कर्मचारी को ही नौकरी छोड़ने पर मजबूर कर देती है. 

आईटी सेक्टर में 14 से 16 घंटे तक करना पड़ रहा काम

यूनियन के अनुसार, साल 2024 में ही कम से कम 2 से 3 हजार आईटी प्रोफेशनल इस साइलेंट लेऑफ्स का शिकार बन चुके हैं. कोई भी कर्मचारी टर्मिनेट नहीं होना चाहता. इससे उसे आगे नौकरी खोजने में दिक्कत होती है. इसलिए वो दुविधा में फंसने पर नौकरी छोड़ने का ही विकल्प चुन लेते हैं. आईटी सेक्टर में अब लोगों से 14 से 16 घंटे तक काम भी करवाया जा रहा है. एक्सेंचर और इंफोसिस जैसी कंपनियां भी साइलेंट लेऑफ्स का रास्ता चुन रही हैं. लोगों को एक साथ भी नहीं निकाला जाता है. उनकी छोटे-छोटे ग्रुप में हर महीने छंटनी की जा रही है.

ये भी पढ़ें 

Income Tax: पैन और आधार को नहीं किया लिंक तो झेलना होगा नुकसान, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की चेतावनी 



Source


Share

Related post

नीता अंबानी पहुंचीं काशी विश्वनाथ मंदिर, अनंत राधिका की शादी के लिए मांगा आशीर्वाद

नीता अंबानी पहुंचीं काशी विश्वनाथ मंदिर, अनंत राधिका…

Share Nita Ambani: मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की पत्नी नीता अंबानी (Nita Ambani) सोमवार को वाराणसी में काशी…
Byju: कैश संकट से निकलने के लिए कोर्ट की शरण में पहुंची बायजू, NCLT ने दिया था झटका

Byju: कैश संकट से निकलने के लिए कोर्ट…

Share Byju Crisis: कैश संकट से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजू (Byju) को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT)…
प्लेटफॉर्म टिकट पर नहीं लगेगा GST, जीएसटी काउंसिल मीटिंग में हुए कई बड़े ऐलान

प्लेटफॉर्म टिकट पर नहीं लगेगा GST, जीएसटी काउंसिल…

Share Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को हुई 53वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग (GST…