- April 9, 2025
26/11 से पहले तहव्वुर राणा ने की थी दिल्ली-यूपी समेत इन राज्यों में रेकी, सामने आया हमले का पूर

26/11 Mumbai Terror Attack: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी एनआईए देश के सबसे बड़े दुश्मन यानी आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा को लेकर दिल्ली पहुंच रही है. मुंबई में 26/11 आतंकी हमले के साथ-साथ एनआईए ने साल 2009 में राजधानी दिल्ली में तहव्वुर और उसकी साथी डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ अलग से एक एफआईआर दर्ज की थी. ये देश के अलग-अलग हिस्सों में आतंकी हमले करने की योजना और भारत के खिलाफ साजिश रचने जैसी गंभीर धाराओं में दर्ज की गई थी.
नेशनल डिफेंस कॉलेज की रेकी की थी
तहव्वुर के खिलाफ एनआईए के नई दिल्ली स्थित स्टेशन में दर्ज किया गया था. जिसकी जांच में पता चला था कि हेडली ने राजधानी दिल्ली स्थित नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी, 30 जनवरी मार्ग) की रेकी की थी. हेडली और तहव्वुर सहित पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा (एलईटी) और हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी (एचयूजीआई) के निशाने पर एनडीसी कॉलेज भी था. क्योंकि, यहां देश के टॉप मिलिट्री कमांडर और ब्यूरोक्रेट्स सहित विदेशी (मित्र-देशों) के सैन्य अधिकारी सामरिक मामलों (स्ट्रेटेजिक एफेयर्स) से जुड़े कोर्स करने के लिए आते हैं.
यूपी-गुजरात गया था तहव्वुर
जांच में ये भी पता चला था कि राणा ने अपनी पत्नी के साथ 13-21 नवंबर 2008 के दौरान मुंबई के अलावा यूपी के हापुड़, कोच्चि, अहमदाबाद का भी दौरा किया था. ऐसे में मुंबई आतंकी हमले के षड्यंत्र के अलावा भारत सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश संख्या 11034/10/2009-IS.VI दिनांक 11/11/2009 के अनुसार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 11/11/2009 को एनआईए पुलिस स्टेशन, नई दिल्ली में मामला आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई दर्ज किया गया था.
इन धाराओं में दर्ज किया गया मामला
- आईपीसी की धारा 121ए (भारत के खिलाफ साजिश रचने)
- यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 18
- सार्क कन्वेंशन (आतंकवाद का दमन) अधिनियम की धारा 6(2)
एनआईए ने शुरूआत में दिल्ली के मामले में दो लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की थी. NIA ने डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी (अमेरिकी नागरिक), तहव्वुर हुसैन राणा (कनाडाई नागरिक) ओर अन्य पर FIR दर्ज की थी.
पाकिस्तानी आतंकी संगठन ने रची साजिश
एनआईए की एफआईआर के मुताबिक, डेविड हेडली और तहव्वुर हुसैन राणा ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी (एचयूजीआई) के सदस्यों के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश रची, जो पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी संगठन हैं. इन संगठनों को भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया है.
हाफिज सईद समेत इन आतंकियों की रही भूमिका
जांच के दौरान, एलईटी और एचयूजीआई के वरिष्ठ पदाधिकारियों की भूमिका सामने आई है, जिनमें हाफिज मुहम्मद सईद, जकी-उर-रहमान लखवी, सज्जिद मजीद, इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान हाशिम सैयद शामिल हैं. इस हमले में आईएसआई के अधिकारियों, मेजर इकबाल और मेजर समीर अली की भूमिका भी सामने आई है. एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने सभी 9 आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए.
डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था. एनआईए के अनुरोध पर, इंटरपोल, सीबीआई ने बाकी बचे 7 आरोपियों के खिलाफ रेड नोटिस जारी किए हैं. एनआईए ने अमेरिका से डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध भेजे. पाकिस्तान को एक पत्र रोगेटरी (जांच में सहायता के लिए अनुरोध पत्र) भेजा गया है, जिसका जवाब अभी प्रतीक्षित है.