- March 26, 2025
गुजरात के धोलेरा में चिप प्लांट के विस्तार के लिए टाटा ग्रुप ने गुजरात सरकार से मांगी 80 एकड़ ज

Tata Semiconductor Chip Plant: टाटा ग्रुप और ताइवान की कंपनी पारवरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (PSMC) गुजरात के धोलेरा में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन फैसिलिटी बनाने का काम कर रही है. इस मेगा सेमीकंडक्टर चिप प्लांट को और बढ़ाने के लिए टाटा ग्रुप ने गुजरात सरकार से 80 एकड़ जमीन मांगी है. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है. इससे पहले, गुजरात सरकार ने कंपनी को 20 एकड़ की जमीन का आवंटन किया था.
इस काम में होगा जमीन का इस्तेमाल
रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की तरफ से इस अतिरिक्त जमीन का इस्तेमाल लगभग 4,000 कर्मचारियों के रहने के लिए क्वॉर्टर बनाए जाएंगे. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, इस हाउसिंग फैसिलिटी में स्टूडियो अपार्टमेंट, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, स्पोर्ट्स ग्राउंड जैसी कई और भी सुविधाएं होंगी. इस 100 एकड़ की जमीन के अलावा गुजरात सरकार ने आवश्यकतानुसार धोलेरा में प्लांट के विस्तार के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को 63 एकड़ की जमीन देने का भी वादा किया था.
2027 से प्लांट हो जाएगा चालू
धोलेरा सेमीकंडक्टर प्लांट भारत की पहली चिप फैब्रिकेशन यूनिट है, जिसे पिछले साल फरवरी में केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी. धोलेरा प्लांट केंद्र के भारत सेमीकंडक्टर मिशन का हिस्सा है. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, सेमीकंडक्टर चिप प्लांट में ऑपरेशन 2027 से शुरू हो जाएगा. धोलेरा में इस चिप फैब्रिकेशन यूनिट को बनाने में टाटा ग्रुप को 91,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने पड़ रहे हैं. जबकि जमीन की कीमत लगभग 200 करोड़ रुपये है. कंपनी प्लांट और दूसरी फैसिलिटीज पर 15,710 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
क्या होता है सेमिकंडक्टर चिप?
सेमीकंडक्टर चिप का इस्तेमाल लैपटॉप, हाउसहोल्ड एप्लायंसेज, डेटा सेंटर्स, व्हीकल जैसे तमाम इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स में होता है. यह सिलिकॉन से बना एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जिसका इस्तेमाल डाटा प्रोसेसिंग के लिए किया जाता है. सेमीकंडक्टर में विद्युत सुचालक और कुचालक दोनों के गुण होते हैं. यह विद्युत प्रवाह को नियंत्रित करने का काम करता है. ये किसी प्रोडक्ट या गैजेट की कंट्रोलिंग से लेकर मेमोरी फंक्शन तक को ऑपरेट करते हैं.
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