• January 20, 2024

कड़कड़ाती सर्दी में व्लादिमीर पुतिन ने बर्फीले पानी में लगाई डुबकी, जानिए वजह

कड़कड़ाती सर्दी में व्लादिमीर पुतिन ने बर्फीले पानी में लगाई डुबकी, जानिए वजह
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Vladimir Putin: क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ठंडे पानी में डुबकी लगाकर एपिफेनी का त्योहार मनाया. यह त्योहार 19 जनवरी को मनाया गया था. पूरे रूस में अधिकारियों ने रूढ़िवादी विचारधाराओं को मानने वाले लोगों के लिए नहाने वाली जगहें बनाई थीं.

यहां तक ​​कि साइबेरियाई क्षेत्रों में भी जहां तापमान -22°F से नीचे गिर गया है, वहां पर भी नहाने वाले स्पॉट बनाए गए. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि पुतिन ने शुक्रवार (19 जनवरी) को कहां डुबकी लगाई है. इसके पीछे की वजह सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. हालांकि, इस वक्त रूस में कड़कड़ाती सर्दी पड़ रही है और फिर भी पुतिन ने पानी में डुबकी लगाई है.

पुतिन ने निभाई रूढ़िवादी परंपरा
मॉस्को टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जब पेसकोव से कथित तौर पर एपिफेनी डुबकी में राष्ट्रपति की भागीदारी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसकी पुष्टि की. प्रवक्ता ने कहा “हां, उन्होंने परंपरा के अनुसार एपिफेनी को चिह्नित करने के लिए ऐसा किया था.”

शुक्रवार (19 जनवरी) को पुतिन के पानी में डुबकी लगाने का वीडियो उपलब्ध नहीं है. हालाँकि, 2018 में, 65 वर्षीय नेता का वीडियो रूसी टेलीविजन पर प्रसारित किया गया था जहां उन्हें उत्तर-पश्चिमी रूस में सेलिगर झील पर बर्फ में बने एक छेद के पास जाते देखा गया था. इसके बाद वह खुद को छेद से पार करते हुए बर्फीले पानी में कूद गया.

रूढ़िवादी परंपरा के पालन में, एपिफेनी सप्ताह के दौरान पुजारी द्वारा आशीर्वादित पानी को पवित्र माना जाता है. कहा जाता है कि इस पानी में काफी गुण होते हैं. रूस में 19 जनवरी को मनाया जाने वाला एपिफेनी प्रभु के बपतिस्मा का प्रतीक है.

पुतिन का इस तरह हुआ पालन-पोषण
बता दें कि व्लादिमीर पुतिन का पालन पोषण एक धर्मनिष्ठ ईसाई मां ने किया था. इसी कारण पुतिन हमेशा अपने गले में एक क्रॉस पहनते हैं. रूस आधिकारिक तौर पर धर्मनिरपेक्ष देश है. इसके बावजूद राष्ट्रपति पुतिन अधिकांश रूसियों की तरह खुद को ऑर्थोडॉक्स चर्च के अनुयायी के तौर पर मानते हैं.

रूस पश्चिमी देशों का पिछलग्गू
द इंस्टीट्यूट ऑन रिलिजन एंड डेमोक्रेसी के अध्यक्ष मार्क टोले ने वर्ल्ड मैगज़ीन में लिखा है कि रूस लंबे समय से पश्चिमी देशों का पिछलग्गू रहा है. रूस ने ऑर्थोडॉक्स चर्च के जरिए यूक्रेन में अपने प्रभाव का काफी विस्तार किया है. रूस ने तीन साल पहले यूक्रेनी ऑर्थोडॉक्स चर्च को स्वायत्तता दे दी थी. जिसके बाद यूक्रेन के ऑर्थोडॉक्स चर्च का एक हिस्सा रूसी अधिकार को मान्यता देता है.

यह भी पढ़ें: नॉर्थ कोरियाई तानाशाह किम जोंग की मंत्री पहुंचीं रूस, राष्ट्रपति पुतिन से की मुलाकात, रिश्तों को मजबूत करने पर दिया जोर




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