- January 17, 2025
भारत से कनाडा पढ़ने गए 20 हजार छात्र कॉलेज से ‘गायब’, रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

Indian Student In Canada: भारत-कनाडा तनाव के बीच ‘इमिग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटीजनशिप कनाडा’ (IRCC) के हवाले से एक रिपोर्ट पेश की गई है जो चौंकाने वाली है. दरअसल इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कनाडा पहुंचे लगभग 20 हजार भारतीय छात्र कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से ‘लापता’ हैं. वो अपने कॉलेज या विश्वविद्यालयों में नो-शो’ के रूप में चिह्नित किए गए हैं. यानी उन्हें वहां लंबे वक्त से नहीं देखा गया. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि ये छात्र आखिर कहां गए?
कई विशेषज्ञों का मानना है कि अनुपस्थित रहने वाले अधिकांश छात्र कनाडा में ही काम कर रहे हैं और स्थायी निवासी बनने का सपना रखते हैं. हेनरी लोटिन, पूर्व संघीय अर्थशास्त्री और आव्रजन मामलों के विशेषज्ञ का कहना है कि अधिकांश छात्र अमेरिका की सीमा पार नहीं कर रहे हैं, बल्कि कनाडा में काम कर रहे हैं. इसके पीछे उद्देश्य स्थायी रूप से कनाडा में बसना हो सकता है.
इमिग्रेशन नियमों की समीक्षा और सुधार
कनाडा में 2014 में इंटरनेशनल स्टूडेंट कम्प्लायंस रिजाइम लागू किया गया था, जिसका मकसद फर्जी छात्रों की पहचान करना और संदिग्ध स्कूलों को चिन्हित करना था. आव्रजन विभाग साल में दो बार कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से छात्रों की उपस्थिति की रिपोर्ट मांगता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपने स्टडी परमिट का पालन कर रहे हैं.
मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध तस्करी के मामले
भारतीय छात्रों की अनुपस्थिति के मामले ने भारत के प्रवर्तन निदेशालय (ED) का ध्यान भी आकर्षित किया है, जो कनाडा से अमेरिका में भारतीयों की तस्करी के एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहा है. यह जांच गुजरात के डिंगुचा गांव के एक भारतीय परिवार की मौत के बाद शुरू हुई थी, जो कनाडा-अमेरिका सीमा को अवैध रूप से पार करने की कोशिश में अत्यधिक ठंड से मारे गए थे.
समाधान के लिए सुझाव
हेनरी लोटिन ने सुझाव दिया कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों को कनाडा आने से पहले फीस का अग्रिम भुगतान करना अनिवार्य किया जा सकता है, जिससे सिस्टम के दुरुपयोग को कम किया जा सके. इससे उन छात्रों की पहचान में मदद मिल सकती है जो केवल वर्क परमिट के उद्देश्य से स्टडी परमिट का उपयोग कर रहे हैं.
भारतीय छात्रों की गैर-मौजूदगी
कनाडा में भारतीय छात्रों की गैर-मौजूदगी और स्टडी परमिट नियमों का उल्लंघन एक गंभीर मुद्दा बन चुका है. यह न केवल आव्रजन नीति पर सवाल उठाता है, बल्कि कनाडा में छात्रों के वास्तविक उद्देश्य पर भी नजर डालता है. इस समस्या का समाधान खोजने के लिए कड़े कदम उठाने और मौजूदा नीतियों की समीक्षा की आवश्यकता है.
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