- February 27, 2024
जानवरों से लगाव के पीछे सनातन है बड़ी वजह, श्रीकृष्ण का नाम लेकर अनंत अंबानी ने बताया कनेक्शन
Anant Ambani On Vantara Initiative: रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन ने सोमवार (26 फरवरी) को पशु कल्याण से संबंधित पहल वनतारा को लॉन्च किया. यह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक अनंत अंबानी की पहल है, जो जानवरों के बचाव, उपचार, देखभाल और पुनर्वास के लिए समर्पित है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी ने जानवरों से लगाव के पीछे सनातन धर्म को बड़ी वजह बताया है. उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और अन्य देवी-देवताओं का जिक्र करते हुए कहा कि सभी को जानवर प्रिय हैं और सबमें एक जान है.
जानवरों से लगाव को लेकर क्या बोले अनंत अंबानी?
जानवरों से लगाव को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में अनंत अंबानी ने न्यूज 18 इंडिया से बात करते हुए कहा, ”सनातन (धर्म) ने मुझे बहुत प्रेरणा दी… जो भी है, भगवान के कारण हम सब हैं. श्रीकृष्ण कहते थे- हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की और श्रीकृष्ण के सबसे प्यारे होते थे गाय, हाथी, घोड़ा. हमारे हर एक देवता या देवी, हर एक का वाहन जानवर होता था, हर एक का प्रिय भी जानवर है…”
उन्होंने कहा, ”सनातन से मुझे ये सीख मिली है कि हर एक जान एक है, मनुष्य हो या पक्षी हो या एक जानवर हो या हाथी हो, कुछ भी, एक है और सेवा करने का मौका बहुत कम लोगों को मिलता है.”
अनंत अंबानी ने कहा, ”मैं भगवान से बहुत धन्यवाद करता हूं और भगवान का बहुत आभारी हूं कि मुझे ऐसे जानवरों की सेवा करने का मौका दिया और यह मेरे लिए बहुत बड़ी खुशनसीब की बात है…”
3000 एकड़ में फैला है वनतारा
गुजरात में रिलायंस के जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के ग्रीन बेल्ट के भीतर 3,000 एकड़ में फैले वनतारा का लक्ष्य विश्व स्तर पर संरक्षण प्रयासों में अग्रणी योगदानकर्ताओं में से एक बनना है.
अनंत अंबानी ने कहा कि जानवरों की सेवा करना उनका पैशन है और बचपन से ही मां ने सिखाया था कि जानवरों और अलग-अलग जीव जंतुओं की सेवा कैसे करें. उन्होंने कहा, ”माता जी ने मुझे सिखाया कि जो बेजुबान जानवर हैं, उनकी सेवा सबसे बड़ी सेवा है, वो सबसे बड़ी पुण्य वाली सेवा है और वो ही धर्म है…” उन्होंने कहा कि इस विचार से बचपन से यह काम शुरू कर दिया था. अनंत अंबानी ने बताया कि बचपन में उन्होंने पालतु जानवरों की सेवा शुरू की थी.
उन्होंने बताया, ”अब तक यहां 25 हजार से ज्यादा जंगली जानवरों को रेस्क्यू किया गया है. हमने बहुत सारे जानवरों का ध्यान भी रखा है, हमने यहां से पूरे भारत में सब जगह टीमें भिजवाई हैं, चिड़ियाघरों में भिजवाई हैं, अलग-अलग फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की हमने मदद की, उन्होंने भी हमें बहुत सपोर्ट किया…”