• November 22, 2024

सेंसर बोर्ड ने अब नए नियमों के मुताबिक देगा फिल्मों को सर्टिफिकेट, जानें क्या होंगे फायदे

सेंसर बोर्ड ने अब नए नियमों के मुताबिक देगा फिल्मों को सर्टिफिकेट, जानें क्या होंगे फायदे
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CBFC Updated Film Certification System: सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) भारत में बनने वाली फिल्मों के डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर अहम रोल अदा करता है. सीबीएफसी ने 4 दशक से भी ज्यादा समय तक फिल्म सर्टिफिकेशन को लेकर एक स्टैंडर्ड प्रक्रिया को फॉलो किया है. हालांकि, अब इस प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए गए हैं.

हाल में हुए अपडेट के बाद इस प्रक्रिया को नया रूप मिल गया है. इससे फायदा ये होगा कि पैरेंट्स को ये समझने में ज्यादा आसानी होगी उनके बच्चों के लिए कौन सी फिल्म कितनी उपयुक्त है. नए स्ट्रक्चर के मुताबिक, अब पांच अलग-अलग कैटेगरी शामिल की गई हैं.

सीबीएफसी ने हाल में जो नए अपडेट किए हैं उनका मकसद है कि पैरेंट्स को उनके बच्चों के लिए बेहतर कंटेंट डिसाइड करने में मदद मिले.

कौन-कौन सी कैटेगरी बनाई हैं सीबीएफसी ने
सीबीएफसी अब नए अपडेट के तहत UA 7+, UA 13+, UA 16+, और A कैटेगरी में फिल्मों को सर्टिफिकेट जारी करेगा. अब इन कैटेगरी के बारे में भी ठीक से समझ लेते हैं.

U कैटेगरी
इस कैटेगरी में अगर फिल्म को सर्टिफिकेट दिया गया है तो इसका मतलब है कि ऐसी फिल्म सभी उम्र के दर्शक चाहे बच्च हों या बुजुर्ग, देख सकते हैं. 

UA कैटेगरी के अंदर आने वाली सब कैटेगरी
इस कैटेगरी को उम्र के लिहाज से चार अलग-अलग भागों में बांटा गया है. पहली है UA 7+, दूसरी है UA 13+ और तीसरी UA 16+. इन कैटेगरी में ऐसी फिल्में रखी जाएंगी तो बच्चों के लिए प्रतिबंधित तो नहीं हैं लेकिन उम्र के मुताबिक कुछ सावधानी के साथ आती हैं.

UA 7+ कैटगरी
इस कैटेगरी का मतलब है कि ये फिल्में 7 साल या उससे ज्यादा की उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त होंगी. हालांकि, इस कैटेगरी में गार्जियन ये तय कर पाएंगे कि वो फिल्म उनके छोटे बच्चे के लिए उपयुक्त है या नहीं.

UA 13+ कैटेगरी
इस कैटेगरी का मतलब है कि ये फिल्में 13 साल या उससे ज्यादा की उम्र के बच्चे देख सकते हैं.

UA 16+ कैटेगरी
इसी तरह, इस कैटेगरी की सर्टिफिकेट इस बात के लिए पैरेंट्स या गार्जियन को गाइड करेगा कि ये उनके 16 साल के ऊपर के बच्चों के लिए ठीक है. 

A कैटेगरी
इस कैटेगरी में उन फिल्मों को रखा जाएगा जो 18 साल या उससे ऊपर की उम्र के लोग देख पाएं. ये फिल्म वयस्कों के लिए बनाई जाती हैं.

क्या फायदा मिलेगा नई कैटेगरी का
इस नए सर्टिफिकेशन सिस्टम का उद्देस्य पैरेंट्स और अभिभावकों को कंटेंट का बारे में सटीक जानकारी देना है, जिससे उन्हें अपने बच्चों के लिए उचित कंटेंट का चुनाव करने में मदद मिले.

ईटाइम्स ने सीबीएफसी बोर्ड मेंबर्स के हवाले से लिखा है कि इस नए अपडेट पर कई सालों से काम चल रहा था. इस नए स्ट्रक्चर से ये पक्का हो पाएगा कि सभी फिल्में एक ही कैटेगरी में नहीं जाएं.

और पढ़ें: I Want To Talk Review: बॉलीवुड की मास्टरपीस है अभिषेक बच्चन की ‘आई वॉन्ट टू टॉक’, नहीं देखेंगे तो बहुत कुछ मिस कर देंगे



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