- March 25, 2025
टैरिफ विवाद के बीच अमेरिकी टीम का आज से 4 दिवसीय भारत दौरा, एक्सपर्ट्स ने किया आगाह

भारत की तरफ से द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) के तहत अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ में कटौती के संकेत देने के बाद एक अमेरिकी उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का मंगलवार से दौरा होने जा रहे हैं. इसमें दक्षिण और मध्य एशिया के असिस्टेंट, यूएस ट्रेड रिप्रजेंटेटिव ब्रेदन लैन्च भी शामिल हैं.
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा ऐसे वक्त पर होने जा रहा है, जब राष्ट्रपति ट्रंप ने 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का एलान किया है. इससे ऐसा डर है कि भारत से निर्यात होने वाले कृषि उत्पाद, मीट, प्रसंस्कृत खाद्य सामग्री, ऑटोमोबाइल्स, डायमंड्स, गोल्ड प्रोडक्ट्स के साथ ही कैमिकल्स और फार्मा प्रोडक्ट्स पर इसका असर पड़ सकता है. जिन पर टैरिफ का अंतर 8 से लेकर 33 फीसदी तक का हो सकता है.
हालांकि, दूसरी तरफ इकॉनोमिक थिंक टैक GTRI (ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव) ने इसको लेकर आगाह किया है. जीटीआरआई ने मंगलवार को कहा कि भारत को अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत करते समय सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि अमेरिका में फास्ट ट्रैक ट्रेड अथॉरिटी की अनुपस्थिति किसी भी समझौते को कांग्रेस द्वारा किए जाने वाले बदलावों के प्रति संवेदनशील बनाती है.
इसमें आगे जीटीआरआई ने यह भी कहा कि प्रमाणन प्रक्रिया, अमेरिका को व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद उस पर प्रभावी रूप से दोबारा बातचीत करने की इजाजत देती है. इससे घरेलू कानूनी परिवर्तन, नियामक सुधार और नीतिगत बदलाव की मांग होती है. ये भारत की संप्रभुता को कमजोर कर सकता है.
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के फाउंडर अजय श्रीवास्तव का कहना है,, “जैसा कि बातचीत जारी है, ऐसे में आगे न केवल कूटनीतिक कौशल की जरूरत है, बल्कि अमेरिका की व्यापार नीति में अंतर्निहित कानूनी विषमताओं के प्रति सतर्कता की भी जरूरत है.”
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