• February 3, 2025

अमीरों से हो रही इंडियन रेलवे को जमकर कमाई, लक्जरी ट्रेनों ने भर दी सरकार की तिजोरी

अमीरों से हो रही इंडियन रेलवे को जमकर कमाई, लक्जरी ट्रेनों ने भर दी सरकार की तिजोरी
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<p style="text-align: justify;">अमीरों ने फिर से ट्रेन पकड़ना क्या शुरू कर दिया कि रेलवे की अमीरी ही बढ़ गई. यहां तक कि इंडियन रेलवे की मुनाफे की रेल पटरी छोड़कर आसमान में उड़ती दिख रही है. इंडियन रेलवे की ओर से जारी आंकड़ों से इसका खुलासा होता है. इसके तहत यात्री किरायों से होने वाली आमदनी के इस फाइनेंशियल ईयर में टारगेट से 16 फीसदी अधिक बढ़ जाने की संभावना है. इससे रेलवे के खजाने में 92 हजार 800 करोड़ तक आ सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;">इसमें वंदे भारत जैसी लग्जरी ट्रेनों का काफी योगदान है. काफी सुविधाओं और आरामदेह होने के कारण ये ट्रेनें समाज के उच्च वर्ग में भी काफी पसंद की जा रही हैं. इस कारण केवल प्लेन की सवारी करने वाले लोग भी वंदे भारत में सफर करने लगे हैं. इन ट्रेनों में प्लेन के एयर होस्टेस की तरह ट्रेन होस्टेस भी सेवा देती हैं. प्रीमियम ट्रेनो में राजधानी और जनशताब्दी की लाजवाब सेवाएं भी लोगों को खूब पसंद आ रही हैं. रेलवे के खजाने को लबालब करने में इनका भी योगदान है.&nbsp;</p>
<h3 style="text-align: justify;">एसी थ्री कोच ने जमकर कराई कमाई</h3>
<p style="text-align: justify;">रेलवे के खजाने तो भरने में एसी थ्री कोचों का बड़ा योगदान सामने आ रहा है. इस साल मार्च तक एसी थ्री कोच की टिकटों से होने वाली कमाई 30,089 करोड़ तक पहुंच सकती है, जो पिछले वित्त वर्ष से 20 प्रतिशत अधिक है. वहीं वित्त वर्ष 2026 में यह कमाई 20 प्रतिशत बढ़कर 37,115 &nbsp;करोड़ तक हो सकती है. पिछले दो सालों में एग्जिक्यूटिव क्लास और एसी चेयर कार से आमदनी भी काफी बढ़ी है, जो अभी और अधिक हो सकती है. एग्जिक्यूटिव क्लास से आमदनी मार्च तक 698 करोड़ तक पहुंच सकता है. &nbsp;जो पिछले वित्त वर्ष से 42 प्रतिशत अधिक है. यह वित्त वर्ष 2026 में बढकर 987 करोड़ हो सकता है. वहीं एसी चेयरकार से इस वित्त वर्ष 4,280 करोड़ तक की कमाई हो सकती है.&nbsp;</p>
<h3 style="text-align: justify;">रेलवे की कुल आमदनी का 28.6 फीसदी पैसेंजर से&nbsp;</h3>
<p style="text-align: justify;">रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल रेलवे की कुल आमदनी में पैसेंजर से मिले पैसे रही हिस्सेदारी 26.4 &nbsp;फीसदी थी, &nbsp;जो इस साल बढ़कर 28.6 प्रतिशत हो गया है. 2026 तक यह आंकड़ा 30 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है.</p>
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