• April 4, 2024

लादेन का भाई क्यों बना रहा दुनिया का सबसे लंबा झूलता हुआ पुल? जानें प्‍लान

लादेन का भाई क्यों बना रहा दुनिया का सबसे लंबा झूलता हुआ पुल? जानें प्‍लान
Share

World Longest Bridge Plan: ओसामा बिन लादेन के सौतेले भाई शेख तारेक बिन लादेन ने दुनिया का सबसे लंबा झूला पुल बनाने का प्लान बनाया है. यह पुल लाल सागर पर बनेगा, जो 20 मील लंबा होगा. यह पुल अफ्रीका दक्षिण मध्य से जोड़ेगा, इस महत्वाकांक्षी पुल के बनने में अरबों पाउंड की लागत आएगी. तारेक बिन के इस पुल को ‘ब्रिज ऑफ द हॉर्न्स’ नाम दिया गया है. 20 मील लंबे पुल में सिर्फ 4 पोल बनाने की योजना है. इस पुल में कॉजवे और संस्पेंशन ब्रिज का कॉम्बिनेशन हो सकता है. बताया जा रहा है कि यह पुल अल नूर प्रोजेक्ट का ही हिस्सा होगा.

द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पुल पर छह लेन की सड़ के साथ रेलवे क्रॉसिंग भी होगी. इस रास्ते से रोजाना एक लाख वाहन गुजर सकेंगे. इसके अलावा 4 हल्की रेल लाइनों से प्रतिदिन 50 हजार यात्री गुजरेंगे. इसके अलावा इसी पुल से गैस और पानी की भी पाइपलाइन गुजरेगी. यह पुल भारी संख्या में जहाजों को भी समायोजित करेगा, जो स्वेज नहर होते हुए लाल सागर से गुजरती हैं. जिस स्थान पर यह पुल बनाने की योजना है, वहां पर समुद्र की गहराई 300 मीटर है. ऐसे में पुल के टॉवर 700 मीटर ऊंचे बनाए जाएंगे, जिसमें से 300 मीटर टॉवर पानी में होंगे और 400 मीटर पानी के ऊपर रहेंगे.

शहर में वर्ल्ड क्लास होंगी सुविधाएं
नए प्रोजेक्ट के तहत ‘ब्रिज ऑफ द हॉर्न्स’ के दोनों छोर पर दो नए शहरों को बसाया जाएगा. इसमें से एक शहर का नाम जिबूती और दूसरे शहर का नाम यमन होगा. ‘अल नूर शहर’ प्रोजेक्ट के तहत जिबूती की तरफ 25 लाख लोगों को बसाया जाएगा, वहीं यमन की तरफ 45 लाख लोगों को बसाने का प्लान है. शेख बिन लादेन ने कहा है कि यह शहर मानवीय मूल्यों के मॉडल के तौर पर जाने जाएंगे. इनमें ऊर्जा के के लिए नई पद्धतियों का प्रयोग किया जाएगा, जिसकी वजह से पूरा शहर हरा-भरा रहेगा. इन शहरों में अच्छे स्कूल, अस्पताल, वर्ल्ड क्लास की यूनिवर्सिटी और खेल मैदान होंगे.

यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान में लाहौर HC के तीन जजों को मिला सफेद पाउडर वाला धमकी भरा लेटर, खतरनाक रसायन होने की आशंका

प्रोजेक्ट के पूरा होने में संदेह
यह शहर कब बनकर पूरा होगा यह कहना मुश्किल है क्योंकि अभी यह प्रोजेक्ट अपने पहले चरण में ही है. इस प्रोजेक्ट को बनाने शुरुआत 16 साल पहले साल 2008 में ही की गई थी, लेकिन अभी तक यमन और जिबूती सरकार ने अल-नूर को आगे बढ़ने की अनुमति देने वाले समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. एक्सपर्ट्स का को इस परियोजना के पूरा में संदेह नजर आ रहा है, इसके पीछे उनका तर्क है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि पुल को सैकड़ों मील दूर अदीस अबाबा, नैरोबी, जेद्दा, दुबई और रियाद जैसे प्रमुख शहरों से जोड़ने के लिए नए राजमार्ग और रेलवे का निर्माण करना होगा, जो काफी मुस्किल भरा काम है.



Source


Share

Related post

Rise in Piracy; No Indian-flagged Vessel Targeted by Houthis, Says Navy Chief – News18

Rise in Piracy; No Indian-flagged Vessel Targeted by…

Share Navy Chief Admiral R Hari Kumar on Saturday said piracy has “resurfaced as an industry” in the…
Houthis say fuel tanker in the Red Sea targeted with missiles – Times of India

Houthis say fuel tanker in the Red Sea…

Share Yemen’s Houthis have targeted a fuel tanker, MADO, in the Red Sea with naval missiles and Israel’s…
Indian Navy comes to the rescue of missile hit ship in Gulf of Aden – Times of India

Indian Navy comes to the rescue of missile…

Share NEW DELHI: Indian Navy’s INS Kolkata swiftly responded to a maritime incident in the Gulf of Aden…