- January 17, 2024
आतंकियों पर हमले से बौखलाया पाकिस्तान, तेहरान से अपने एंबेसडर को वापस बुलाया
Iran Attack On Militants: ईरान की ओर से पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश अल-अदल के ठिकानों पर हमला किए जाने के बाद इस्लामाबाद ने तेहरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है. इसी के साथ पाकिस्तान ने ईरान के राजदूत के अपने यहां से निष्कासित कर दिया है.
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने ईरान के हमले को अपने हवाई क्षेत्र का अकारण उल्लंघन करार दिया है. ईरान ने मंगलवार (16 जनवरी) को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया था. कई मीडिया रिपोर्ट्स में ईरान की सरकार मीडिया के हवाले से यह जानकारी दी गई थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में कुहे सब्ज नामक इलाके में जैश अल-अदल के दो ठिकानों पर हमला कर उन्हें नष्ट कर दिया है.
ईरान ने क्यों किया पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला?
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के हमले में दो बच्चों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए. यह हमला पिछले महीने दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में एक ईरानी पुलिस स्टेशन पर हुए घातक हमले के मद्देनजर हुआ है. उस हमले में कम से कम 11 ईरानी पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई थी. ईरानी आंतरिक मंत्री अहमद वाहिदी (Ahmad Vahidi) ने जैश अल-अदल को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था.
उन्होंने आरोप लगाया कि आतंकवादियों ने पाकिस्तान की ओर से पंजगुर के पास से हमला किया था, जो ईरान की हालिया सैन्य कार्रवाइयों के पीछे एक संभावित मंसूबे का संकेत देता है.
इस तरह का एक्शन द्विपक्षीय विश्वास को कमजोर कर सकता है- पाकिस्तान
पाकिस्तान ने एक बयान में कहा, ”पाकिस्तान ने हमेशा कहा है कि आतंकवाद क्षेत्र के सभी देशों के लिए एक साझा खतरा है जिसके लिए समन्वित कार्रवाई की जरूरत है. इस तरह की एकतरफा कार्रवाई अच्छे पड़ोसी संबंधों के अनुरूप नहीं हैं और द्विपक्षीय विश्वास को गंभीर रूप से कमजोर कर सकती है.”
क्या है जैश अल-अदल?
जैश अल-अदल की स्थापना 2012 में हुई थी. ईरान ने इसे आतंकी संगठन घोषित किया है. जैश अल-अदल एक सुन्नी आतंकवादी समूह है जो ईरान के दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान से संचालित होता है. पिछले कुछ वर्षों में जैश अल-अदल ने ईरानी सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं.
दिसंबर में इस आतंकी संगठन ने सिस्तान-बलूचिस्तान में एक पुलिस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 11 पुलिसवालों ने जानें गंवा दी थीं. सिस्तान-बलूचिस्तान की सीमा अफगानिस्तान और पाकिस्तान से लगती है. इस इलाके में ईरान के सुरक्षा बलों और सुन्नी आतंकवादियों के साथ-साथ ड्रग तस्करों के बीच संघर्ष होता रहा है.