- August 3, 2024
हिंदुस्तान के लिए कितने जरूरी हैं छोटे किसान? PM नरेंद्र मोदी ने समझाया; कहा- हमारी नीति के…
PM Modi on ICAE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (3 अगस्त) को 32वें इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट्स का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने भारत को उम्मीद की किरण बताते हुए कहा कि देश के छोटे किसान हमारी ताकत हैं. उन्होंने कहा कि कृषि हमारे आर्थिक नीति का केंद्र है. हमारे यहां करीब 90% परिवार ऐसे हैं, जिनके पास बहुत कम जमीन हैं, ये छोटे किसान ही भारत की खाद्य सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत हैं. यही स्थिति एशिया के कई विकासशील देशों में है, इसलिए भारत का मॉडल कई देशों में काम आ सकता है.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, दिल्ली में स्थित कृषि अर्थशास्त्रियों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, कृषि हमारी आर्थिक नीति के केंद्र में है. हमारे यहां, करीब 90 फीसदी परिवार ऐसे हैं, जिनके पास बहुत कम जमीन है. ये छोटे किसान ही भारत की खाद्य सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत हैं. यही हालात एशिया के कई विकासशील देशों में है.इसलिए, भारत का मॉडल कई देशों के काम आ सकता है.
10 सालों में किसानों को दी 1,900 नई किस्में- PM मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा कि सरकार बड़े पैमाने पर कैमिकल फ्री-नेचुरल कृषि को बढ़ावा दे रही है. इसके काफी अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं. इस साल के बजट में भी बहुत बड़ा फोकस पर्यावरण अनुकूल खेती पर है. पीएम ने कहा कि हम अपने किसानों को सपोर्ट करने के लिए एक पूरा इकोसिस्टम बना रहे हैं. भारत का बहुत जोर जलवायु की मार झेल सकने वाली फसलों से जुड़े अनुसंधान एवं विकास पर है. पिछले 10 साल में हमने करीब 1,900 नई इस तरह की किस्में किसानों को दी हैं.
‘भारत में कुछ सौ किलोमीटर ट्रैवल करने पर बदल जाती है खेती’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोंधित करते हुए कहा, भारत में हम आज भी छह मौसमों को ध्यान में रखते हुए सब कुछ प्लान करते हैं. हमारे यहां 15 कृषि जलवायु क्षेत्रों की अपनी खासियत है. यहां यदि आप कुछ सौ किलोमीटर का सफर करें, तो खेती बदल जाती है. जहां मैदानों की खेती अलग है तो वहीं, हिमालय की खेती अलग है. ऐसे में कहीं पानी कम होता है, वहां की खेती अलग होती है. इसके अलावा तटीय इलाकों की खेती बिल्कुल अलग है.
‘आजादी के समय भारत कृषि को लेकर चुनौतियों से भरा था’
पीएम मोदी ने कहा कि ये जो विविधता है, यही वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए भारत को उम्मीद की किरण बनाती है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली बार 65 साल पहले जब आईसीएई का सम्मेलन यहां हुआ था तो भारत को उस समय नई-नई आज़ादी मिली थी. वह भारत की खाद्य सुरक्षा को लेकर, भारत की कृषि को लेकर एक चुनौती भरा समय था. मगर, आज भारत, एक फूड सरप्लस देश है. आज हम दूध, दाल और मसालों के सबसे बड़ें उत्पादक है. वहीं, भारत अनाज, फल, सब्जी, कपास, चीनी, चाय, मछलियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है.
कार्यक्रम को संबोंधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एक वह जमाना था, जब भारत की खाद्य सुरक्षा दुनिया की चिंता का विषय था. लेकिन एक आज का समय है, जब भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा, वैश्विक पोषण सुरक्षा के समाधान देने में जुटा है.
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