• December 9, 2024

सियायत में नहीं थी बशर अल-असद की रुचि, पिता-भाई की मौत के बाद बने राष्ट्रपति

सियायत में नहीं थी बशर अल-असद की रुचि, पिता-भाई की मौत के बाद बने राष्ट्रपति
Share

Former President Basher al-Assad: सीरिया में असद शासन का तख्तापलट हो चुका है. इस्लामिक विद्रोहियों के प्रभाव और राजधानी दमिश्क पर कब्जे के बाद सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद अपने पूरे परिवार को लेकर देश छोड़कर रूस भाग चुके हैं. सीरिया में इस वक्त गृह युद्ध जैसे हालात हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में इस्लामिक विद्रोहियों के कई गुटों ने कब्जा कर लिया है. वहीं, इसी बीच बशर अल-असद और उनके फैमिली बैकग्राउंड को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाएं जारी हैं. 

बशर अल-असद अपने पिता हाफिज अल-असद की तीसरी संतान हैं, जो कि सीरिया के सैन्य अधिकारी और बाथ पार्टी के सदस्य थे. असद परिवार सीरिया की अलावी अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध रखता है, जो मुस्लिम (शिया) धर्म का एक छोटा-सा संप्रदाय है. सीरिया में अलावी समुदाय की आबादी मात्र 10 प्रतिशत है. .

बशर के पिता तख्तापलट के बाद बने थे राष्ट्रपति

उल्लेखनीय है कि बशर अल-असद का परिवार 1960 से सीरिया की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है. बशर के पिता हाफिज अल-असद 1971 में तख्तापलट कर सीरिया के राष्ट्रपति पद पर काबिज हुए थे.

सैनिक अस्पताल में थे आंखों के डॉक्टर

ब्रिटानिका के अनुसार, बशर अल-असद का जन्म 11 सितंबर, 1965 को सीरिया की राजधानी दमिश्क में हुआ था. उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा दमिश्क में ही ग्रहण की. दमिश्क यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद असद ने 1988 में नेत्र रोग विशेषज्ञ के तौर पर अपना ग्रैजुएशन किया. ग्रैजुएशन के बाद वह दमिश्क के एक सैन्य अस्पताल में मिलिट्री डॉक्टर बने, 1992 में वह लंदन चले गए. वहीं, दूसरी तरफ हाफिज अल-असद ने अपने बड़े बेटे बेसिल को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. हालांकि सीरिया की सत्ता फिर भी हाफिज के हाथों में ही रही. वहीं 1994 में एक कार एक्सीडेंट में बेसिल की मौत को गई. बड़े भाई की मौत के बाद बशर उत्तराधिकारी बनाए गए.

सत्ता सौंपने के पहले बशर को मिली मिलिट्री ट्रेनिंग

सियासत और सैन्य अनुभव की कमी के बावजूद बशर को सीरिया बुला लिया गया और उन्हें सत्ता संभालने के लिए मनाया जाने लगा. इसके बाद उन्हें एक सैन्य एकेडमी में मिलिट्री ट्रेनिंग दी गई. ट्रेनिंग के बाद उन्हें कर्नल रैंक दी गई. बशर अल-असद को सियासत में बिल्कुल भी रुचि नहीं थी. इसलिए बशर के पिता हाफिज अल-असद ने प्लानिंग के जरिए बशर की छवि को पेश किया.

बशर की ताजपोशी के लिए बदले गए नियम

बशर के पिता हाफिज अल-असद की 10 जून 2000 को मौत हो गई. पिता के मौत के बाद बशर राष्ट्रपति बनने वाले थे. लेकिन हाफिज के समय राष्ट्रपति बनने की उम्र कम से कम 40 साल थी, जिसे बशर के लिए घटाकर 34 साल किया था. इसके बाद उन्हें 10 जुलाई 2000 को बशर निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए.

यह भी पढेंः रहस्यमयी तरीके से गायब हुआ बशर अल-असद का विमान! सीरिया से भागते समय मौत के हो रहे दावे



Source


Share

Related post

2 दिन 1000 से ज्यादा हत्याएं, हर तरफ शव ही शव… इस मुस्लिम देश में क्यों शुरू हुआ खूनी खेल?

2 दिन 1000 से ज्यादा हत्याएं, हर तरफ…

Share Syria Revenge Killing: सीरिया में बीते दो दिनों से जारी हिंसा में हजार से भी ज्यादा लोग मारे…
ईरान में हिजाब के विरोध में सिंगर ने गाया था गाना, सरकार ने दी 74 कोड़े मारने की सजा

ईरान में हिजाब के विरोध में सिंगर ने…

Share Iranian Singer Jailed in Iran : ईरान में शरिया कानून के तहत देश की सत्ता और कानून…
‘चुनावों में हत्याएं और हिंसा न हो, इसके लिए…’, बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी नेता ने की मांग

‘चुनावों में हत्याएं और हिंसा न हो, इसके…

Share Elections in Bangladesh : बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के सेक्रेटरी जनरल प्रोफेसर मिया गुलाम परवार ने मोहम्मद यूनुस के…