- April 3, 2025
क्या होता है रेसिप्रोकल टैरिफ, जिसे राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत समेत 180 से ज्यादा देशों पर लगाया

राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से भारत समेत दुनिया के करीब 180 से ज्यादा देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगा दिया गया. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में हलचल मची है. जानकारों का तो यहां तक मानना है कि ट्रंप के इस टैरिफ एलान से न सिर्फ महंगाई बढ़ेगी, बल्कि उत्पादन कम हो जाएगा, ट्रेड वॉर छिड़ेगा और यहां तक कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मंदी की चपेट में आने तक का अनुमान लगाया जा रहा है.
इन सबके बीच आइये जानते हैं कि अमेरिका ने जो 27 प्रतिशत का टैरिफ भारत पर लगाया है, वो दरअसल होता क्या है. टैरिफ का मतलब होता है एक तरह का टैक्स जो किसी आयातित सामानों पर लगाया जाता है.
टैरिफ लगाने का किसी भी देश का उद्देश्य अलग-अलग हो सकता है. एक तो ये कि टैरिफ लगाने वाला देश आयातित उस खास वस्तु के दाम को ऊंचा रखना चाहती है, ताकि घरेलू उत्पादनकर्ता पर उसका असर न हो पाए. यानी, उसे प्रतिस्पर्धा से बचना और दूसरा मकसद होता है टैरिफ लगाकर रिवैन्यू कमाना.
इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि मान लीजिए किसी अमेरिकी सामान पर भारत की तरफ से अगर 50 प्रतिशत का टैक्स लगाया जाता है, तो इसके जवाब में अमेरिका भी भारत से आयाति सामानों पर टैक्स उसी हिसाब से लगा सकता है. यानी ऐसा करते न सिर्फ घरेलू बाजार को एक तरह से संरक्षण दिया जाता है बल्कि व्यापार का संतुलन भी इससे बना रहता है.
हालांकि, ट्रंप ने दुनियाभर के देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाकर एक तरह से हथियार के तौर इस्तेमाल किया है, ताकि अमेरिका उत्पाद के खिलाफ जो ज्यादा टैक्स लगा रहा है, उसके ऊपर इसका दबाव बनाया जा सके.
हालांकि, इसको लेकर कम विकसित या फिर दूसरे देशों का तर्क होता है कि विकासशील देश हैं, इसलिए वे ज्यादा टैक्स वसूल रहे हैं. लेकिन ट्रंप ने एक तरह से टैरिफ लगाकर उन देशों पर न सिर्फ दबाव बनाने की कोशिश की है, बल्कि ऐसा माना जा रहा है कि आगे चलकर इसके व्यापक प्रभाव भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में देखने को मिल सकता है.