- October 18, 2024
फ्लिपकार्ट को-फाउंडर रहे सचिन बंसल का क्या है नवी फिनसर्व से कनेक्शन! नवी के लोन देने लगी रोक
RBI On Navi Finserv: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नवी फिनसर्व लिमिटेड ( Navi Finserv Limited) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 21 अक्टूबर 2024 के बाद से इस एनबीएफसी (NBFC) के लोन को मंजूरी देने के लेकर उसे देने पर रोक लगा दी है. पर क्या आप जानते हैं नवी फिनसर्व का ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिककार्ट ( Flipkart) से क्या कनेक्शन है? नवी फिनसर्व लिमिटेड के को-फाउंडर वही सचिन बंसल हैं जो फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर रह चुके हैं.
Flipkart छोड़ने के बाद की Navi की स्थापना
नवी फिनसर्व लिमिटेड के फाउंडर सचिन बंसल (Sachin Bansal) कंपनी में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के साथ सीईओ भी हैं. सचिन बंसल के साथ अंकित अग्रवाल (Ankit Agarwal ) भी नवी फिनसर्व लिमिटेड के को-फाउंडर हैं. साल 2018 में फ्लिपकार्ट से एग्जिट करने के बाद सचिन बंसल ने नवी ग्रुप की स्थापना की. नवी ग्रुप डिजिटल लोन, होम लोन, म्यूचुअल फंड, हेल्थ इंश्योरेंस, डिजिटल लोन और यूपीआई के स्पेस में मौजूद है. भारतीय रिजर्व बैंक ने जिस नवी फिनसर्व लिमिटेड पर बड़ी कार्रवाई की है वो पर्सनल लोन, होम लोन, प्रॉपर्टी पर लोन देने में डील करती है.
सेबी से मिली थी आईपीओ की मंजूरी
सचिन बंसल की नवी टेक्नोलॉजीज ने लिमिटेड साल 2022 में शेयर बाजार के रेगुलेटर सेबी के पास 3,350 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने के लिए ड्रॉफ्ट पेपर (DHRP) दाखिल कर दिया था जिसकी मंजूरी ने दे दी थी. सचिन बंसल की को-फाउंडेड और प्रमोटेड नवी टेक्नोलॉजीज एक टेक्नोलॉजी संचालित फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स और सर्विस प्रदान करने वाली कंपनी है. कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, नवी एक डिजिटल लेंडिंग ऐप है, जिसमें पेपरलेस प्रोसेस के ज़रिए बेहद कम समय में 20 लाख रुपये तक का लोन लिया जा सकता है. माइक्रो फाइनेंस सेगमेंट में एंट्री करने के लिए, नवी ने 2019 में 739 करोड़ रुपये में चैतन्य इंडिया फिन क्रेडिट का अधिग्रहण कर चुकी है. चैतन्य ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस के लिए भी आवेदन भी कर चुकी है.
आरबीआई ने की बड़ी कार्रवाई
गुरुवार 17 अक्टूबर 2024 को आरबीआई ने नवी फिनसर्व समेत चार एनबीएफसी-एमएफआई (NBFC-MFI) के लोन की मंजूरी देने से लेकर लोन के डिस्बर्सल पर रोक लगाने का फैसला किया है. आरबीआई के मुताबिक 21 अक्टूबर, 2024 के बाद से ये कंपनियां लोन नहीं दे सकेंगी. इन कंपनियों ने रेगुलेटरी नियमों का उल्लंघन किया है जिसके चलते ये कार्रवाई की गई है.
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