- October 18, 2025
पाकिस्तान के साथ संघर्ष के बीच तालिबान ने सीमा पर सुरक्षा की मजबूत, सेना और प्रशासन में किए बड़
पाकिस्तान के साथ चल रहे संघर्ष के बीच अफगानिस्तान में तालिबान के प्रमुख मुल्ला हिबतुल्लाह अखुन्दजादा ने अफगान सेना और प्रशासन में कई बड़े बदलाव किए हैं और अपने ख़ास और अनुभवी कमांडरों को ना सिर्फ अफगान सेना की विशेष टुकड़ियों की कमान दी है बल्कि कई पुराने कमांडरों को पाकिस्तान से लगने वाले प्रांतों का गवर्नर बनाकर भी भेजा है. इसके साथ ही मौलवी इनायतुल्लाह शुजा को अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार में सरहद के मामलों का उप मंत्री भी बनाया गया है.
आज शनिवार (18 अक्टूबर, 2025) हुए बदलाव में सबसे बड़ा बदलाव बदख्शन प्रांत के गवर्नर कारी मोहम्मद अयूब खालिद को 215-अल अज्म आर्मी कॉर्प्स का कमांडर बनाया है, जो तालिबान के सत्ता में आने से पहले पूर्वोत्तर अफगानिस्तान में कमान संभालता था. साथ ही सत्ता में आने के बाद कारी मोहम्मद अयूब खालिद को 203 मंसूरी मिल्ट्री कॉर्प्स और फिर 2023 में अल फारूक मिलिट्री कॉपर्स की जिम्मेदारी दी थी.
तालिबान सरकार ने कारी मोहम्मद को दी सैन्य टुकड़ी की कमान
हालांकि, बाद में पहले कुनार प्रांत और फिर बदख्शन प्रांत के गवर्नर बना दिया था लेकिन अब फिर से तालिबान की सरकार ने कारी मोहम्मद अयूब खालिद जैसे पुराने और दशकों तक युद्ध लड़ने ऑड कमान संभालने वाले कमांडर को सैन्य टुकड़ी की कमान दी है और 215- अल अज्म आर्मी कॉर्प्स का कमांडर बनाया गया है, जिसका काम पाकिस्तान अफगानिस्तान सीमा से सटे हेमलैंड के इलाकों की रक्षा करने और हमले की कार्रवाई को अंजाम देना है.
इसके वाला 215- अल अज्म आर्मी कॉपर्स के वर्तमान प्रमुख मुल्ला शराफुद्दीन तकी को 217 ओमरी आर्मी कॉपर्स की जिम्मेदारी दी गई है, जिसका काम चीन, ताजिकिस्तान और PoK की सीमा और आसपास के प्रांत जैसे कुंदुज, तकराहार, बघलान और बदख्शन की रक्षा करना और हमला करना है. इससे पहले मुल्ला शराफुद्दीन तकी के पास 215 मैवंड मिलिट्री कॉर्प्स की भी जिम्मेदारी थी और ऊर्ज़ुगान में ये तालिबान का गवर्नर भी रहा है.
मौलवी मोहम्मद इस्माइल बने बदख्शन प्रांत का गवर्नर
मौलवी मोहम्मद इस्माइल जो पहले सरहद मामलों के उप-मंत्री थे उन्हें अब बदख्शन प्रांत का गवर्नर बनाया गया है, जो PoK के गिलगित-बाल्टिस्तान से सटा हुआ है और यह कदम तालिबान की उत्तर-पूर्वी सीमाओं पर नियंत्रण मजबूत करने की कोशिश को दर्शाता है. साथ ही मौलवी इनायतुल्लाह शुजा जो पहले उरुजगान प्रांत के गवर्नर थे उन्हें अब सरहद मामलों के उप-मंत्री के पद पर नियुक्त किया गया है, जो ना सिर्फ पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान की लंबी और संवेदनशील सीमाओं को संभालने में अहम भूमिका निभाएंगे, बल्कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर अफगान रिफ्यूजी को पाकिस्तान की ओर से भेजे जाने और घुसपैठ के पाकिस्तान के आरोपों पर नजर रखेंगे.
मौलवी अब्दुल रहमान कुंदजी बनाए गए उरुजगान प्रांत का गवर्नर
मौलवी अब्दुल रहमान कुंदजी जो पहले हेलमंड प्रांत के गवर्नर थे उन्हें अब उरुजगान प्रांत का गवर्नर बनाए गए हैं अहर यह प्रांत भी पाकिस्तान के करीब है और यहां अनुभवी नेतृत्व सीमा सुरक्षा बनाए रखने के लिए जरूरी है. इसके साथ ही मुल्ला अमानउद्दीन मंसूर जो पहले 217वीं ओमरि आर्मी कॉर्प्स के कमांडर थे उन्हें अब हेलमंड प्रांत का गवर्नर बनाया गया है. मुल्ला अमानउद्दीन मंसूर की तैनाती को दक्षिणी सीमा में अनुभवी कमांडर को भेजना माना जा रहा है जहां पिछले 10 दिनों में नागरिक ढांचों पर कई हमले हुए हैं.
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